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Sunday, November 5, 2023

निर्मली कुण्ड में 9 दिवसीय श्रीराम कथाः कलश यात्रा में उमड़ी श्रद्धा

बस्ती। यह सृष्टि ईश्वर की इच्छा पर संचालित हो रही है। जीव का धर्म है कि वह सहजता से शिव में विलय के लिये अपने आप को इस रूप में प्रस्तुत करे जिससे जीवन और जगत दोनों का कल्याण हो। यह सद् विचार कथा व्यास आचार्य अनुराग त्रिपाठी ने महन्थ श्री राम बालक दास द्वारा आयोजित 9 दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा का रविवार से  निर्मली कुण्ड मंदिर परिसर पाण्डेय बाजार में सूत्रपात करते हुये व्यक्त किया। इसके पूर्व भक्तगणों द्वारा मंदिर से पाण्डेय बाजार तक कलश यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।

ऊं नमो भगवते वासदेवाय और हनुमान जी की आराधना से आरम्भ कथा को विस्तार देते हुये महात्मा जी ने कहा कि ‘सियाराम मय सब जग जानी’’ जगत में ऐसा कुछ भी नही जो परमात्मा से भिन्न हो। भक्ति ही नही शत्रु भाव से भी जिसने परमात्मा को अपने चित्त में रखा उसका कल्याण हो गया। रावण, कंस, हिरण्यकश्यप सहित अनेक उदाहरण है जिन्हें परमात्मा ने मुक्ति प्रदान किया। महात्मा जी ने शिव तत्व का वर्णन करते हुये कहा कि जहां प्राकृतिक शत्रुता मित्रता में बदल जाय वहीं शिव तत्व समर्थ हो जाता है। महात्मा जी ने कहा कि श्रीराम कथा कल्प वृक्ष के समान है।
धर्म की सहज व्याख्या करते हुये महात्मा जी ने कहा कि धर्म हमारे जीवन को उदार बनाता है। श्रीराम कथा के प्रत्येक पात्र जीवन को सहज बनाने का संदेश देते हैं। सृष्टि में जब-जब अनीति, कुबुद्धि, कुविचार का विस्तार होता है ईश्वर विभिन्न रूपों में जन्म लेकर जगत का मार्ग दर्शन करते हैं।
श्रीराम नाम महिमा का वर्णन करते हुये महात्मा जी ने कहा कि श्रीराम ने रावण और कुछ राक्षसों का बध किया किन्तु श्रीराम का नाम तो युगो युगो से करोड़ो जीवों का उद्धार कर रही है। इस नाम की महिमा अनन्त है। इस भाव को तो वहीं समझता है जिसके जीवन में भक्ति, करूणा, उदारता का समावेश हुआ है।
भगवान शिव को श्रीराम कथा का आचार्य बताते हुये महात्मा जी ने कहा कि भगवान शंकर की कृपा के बिना श्रीराम के हृदय में प्रवेश संभव नही है। भक्ति मार्ग में कदम-कदम पर परीक्षा है। भगवान शिव और बीर हनुमान की कृपा से श्रीराम से सम्बन्ध स्थापित होता है। भगवान शिव ने श्रीराम कथा का जो अमृत पृथ्वीवासियों को दिया वह जन मानस का कलुष धो रही है। धर्म हमारे जीवन को पवित्र करता है। जीवन उसी का धन्य है जिसके हृदय में अहिल्या उद्धार और शेबरी के बेर खाने की सहजता है। श्रीराम कथा धन्य है जो मनुष्य को विवेक, त्याग के मार्ग पर चलना सिखाती है।
श्रीराम कथा के प्रथम दिन कथा व्यास का विधि विधान से पूजन श्री राम बालक दास, पूर्व राज्यमंत्री राजेन्द्र प्रसाद गौड़, सिद्धेश सिन्हा, ओम प्रकाश ठाकुर, जितेन्द्र यादव आदि ने किया।  मुख्य रूप से देवी दयाल पाण्डेय, रवि पासवान, सत्यनारायण गुप्ता, बेचूं, राजकुमार यादव, विकास बरनवाल, आलोक जायसवाल, हनुमान प्रसाद, विश्वनाथ, राजेश मिश्र, मंजू देवी, सीमा देवी, विनीता, निर्मला देवी के साथ ही क्षेत्रीय नागरिक श्रीराम कथा में शामिल रहे।

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