<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Tuesday, October 3, 2023

सीएचसी, पीएचसी पर सम्पूर्ण स्वास्थ्य मेले का आयोजन


बस्ती (हर्रैया)। नीति आयोग भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के 68 चयनित आकांक्षी विकास खण्डों में जनपद से विकास खण्ड हर्रैया एवं कुदरहा का चयन किया गया है, इन विकास खण्ड के मुख्य परफॉर्मेन्स इंडीकेटर्स में उन्नयन हेतु किये जा रहे प्रयासों को एक सुनिश्चित दिशा देने के उद्देश्य से नीति आयोग द्वारा 03 अक्टूबर से 09 अक्टूबर तक आकांक्षात्मक विकास खण्ड में संकल्प सप्ताह-सबकी आकांक्षाएं- सबका विकास कार्यक्रम प्रस्तावित किया है जिसके तहत विकास खण्ड हर्रैया में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्रैया के साथ-साथ सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सभी उपकेन्द्रों, सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर आज सम्पूर्ण स्वास्थ्य मेले का आयोजन अधीक्षक डा आर के सिंह के नेतृत्व में किया गया जिसमें एएनसी क्लीनिक, टीकाकरण, एनसीडी  स्क्रीनिंग, एनीमिया जांच व उपचार, क्षय रोग स्क्रीनिंग का आयोजन हुआ। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर क्षय रोग विजेता एवं टीबी चौम्पियन रैली भी निकाला गया।
इस दौरान अधीक्षक डा आर के सिंह ने कहा कि टीबी एक गंभीर, संक्रामक और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो मुख्‍य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है और जानलेवा हो सकती है। टीबी बैक्‍टीरिया किसी भी संक्रमित व्‍यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है।
एमओटीसी डा अभय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम का विजन डीआर टीबी के किसी भी रूप के मरीजों ब्यक्तियों को शीघ्र निदान प्रदान करना है। डीआर टीबी की तीव्र पहचान सीबीनॉट, ट्रूनॉट फर्स्ट एंड सेकेण्ड लाइन के एलपीए तथा विशिष्ट दवाओं के लिए लिक्विड कल्चर और डीएसटी के संयोजन का उपयोग करके प्राप्त की  जाती है। डीआर टीबी का प्रभावी मैनेजमेंट राष्ट्रीय क्षय रोव उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा प्रमाणित प्रयोगशालाओं द्वारा प्रदान किया जाने वाले विश्वसनीय, गुणवत्ता युक्त  डीएसटी के लिए बल देता है।
वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि रोगी और गैर संक्रमित की श्रृंखला को तोड़ना, रिलैप्स फ्री क्योर इलाज सुनिश्चित करके टीबी से होने वाली मौतों और सहरुग्णता को कम करना तथा ड्रग रेजिस्टेंस के विकास और प्रावधान को कम करते हुए रोकना यह टीबी ट्रीटमेंट के लक्ष्य हैं।
एसटीएलएस दुर्गेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि किसी भी टीबी मरीज के प्री ट्रीटमेंट इवैल्यूएशन के दौरान डॉक्टर द्वारा उसका क्लीनिकल मूल्यांकन हिस्ट्री एंड फिजिकल एग्जामिनेशन, हाइट,, वेट, रैंडम ब्लड शुगर, चेस्ट एक्स रे, एचआईवी टेस्ट द्वारा किया जाता है।
वहीं टीबी चौम्पियन शिबधारी लाल वर्मा ने कहा कि टीबी की दवाएं बहुत ही कारगर है मैं नियमित निश्चित समय पर दवाओं का सेवन कर आज बहुत स्वस्थ हूँ और आप सभी से यह कहना चाहता हूँ कि रोग को छिपायें नही जांच कराकर ईलाज पूर्ण करें।
इस दौरान चिकित्साधिकारी डा नन्द लाल यादव, डा योगेश शुक्ला, डा उमेश, मनीष सिंह बड़ेबाबू, के के वर्मा फार्मासिस्ट, जगदीश्वर प्रसाद एचईओ, कृष्णमोहन सिंह बीपीएम, धीरेंद्र मिश्र आईईओ, मनोज कुमार, रंजीत कुमार, टी पी पाण्डेय, शिव विशाल सिंह, आदित्य कुमार, पंकज कुमार, भीम प्रकाश सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages