रुड़की। हरिद्वार लोकसभा में इस बार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। क्षेत्र के लोगों में उनके प्रति इतनी नाराजगी है कि वह यदि क्षेत्र में कहीं जा रहे हैं तो उनके सामने आकर हरिद्वार लोकसभा की जनता उनका खुला विरोध कर रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को भी इस बार लोकसभा प्रत्याशी उतारने से पहले काफी सोचना समझना होगा।
लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे ही सभी दलों के नेता अपनी जुगत भिडाने में लगे हुए हैं। एक दूसरे से आगे निकल वोट बैंक को अपनी ओर करने के प्रयास में यह नेता अलग-अलग हथकंडे अपनाने में लगे हैं। वहीं वर्तमान हरिद्वार सांसद डॉक्टर रमेश पोखरिया निशंक भी पिछले काफी दिनों से क्षेत्र में घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। वह अपने समर्थकों के साथ गांव दर गांव बैठकें कर रहे हैं। लेकिन इस बार उनकी इन बैठकों का कोई खास लाभ होता नहीं दिख रहा है। इस बार हरिद्वार सांसद डॉक्टर निशंक का ज्यादातर क्षेत्र में भारी विरोध देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं आपदा के समय जब डॉक्टर निशंक अपने समर्थकों के साथ आपदा पीड़ितों का हाल-चाल जानने के लिए क्षेत्र में जा रहे थे तो उनका खुले तौर पर क्षेत्र की जनता द्वारा भारी विरोध किया गया था। क्षेत्र की जनता का विरोध इतना था कि डॉक्टर निशंक को अपने समर्थकों के साथ वापस लौटना ही सही लगा था और वह बैरंग ही वापस लौट गए थे जो कि जग जाहिर है। हरिद्वार लोकसभा में उनका भारी विरोध चल रहा है। अब भारतीय जनता पार्टी के आला नेताओं को भी इस बार ध्यान देना होगा। यदि जल्द ही पार्टी आलाकमान द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया गया तो हरिद्वार लोकसभा सीट उनके हाथों से निकल सकती है क्योंकि क्षेत्र के लोगों का भाजपा के प्रति तो स्नेह हैं लेकिन डॉक्टर निशंक के प्रति भारी विरोध चल रहा है।ऐसे में यदि पार्टी ने उन्हें फिर टिकट देकर मैदान में उतारा तो इसका खामियाजा पार्टी को हार के रूप में भुगतना पड़ सकता है।अब देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी इस बार भी डॉक्टर निशंक पर ही अपना विश्वास कर उन्हें ही लोकसभा हरिद्वार का प्रत्याशी बना मैदान में उतारती है या फिर किसी दूसरे चेहरे को मैदान में उतार पार्टी चुनाव लड़ाएगी। यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा।
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