बस्ती। जिला चिकित्सालय स्थित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में बीते 10 अक्टूबर को डिस्लेक्सिया दिवस मनाया गया। डीआरसी के साइकोलॉजिस्ट राधेश्याम चौधरी ने बताया कि डिस्लेक्सिया सीखने समझने में होने वाली कठिनाई है जो पढ़ने में दिक्कत व लिखने में वर्तनी की समस्याओ का कारण बनती हैं, यह बुद्ध को प्रभावित नहीं करता लेकिन बच्चे सीधा अक्षर को उल्टा लिखते हैं, जो एक तरह का लर्निंग डिसेबिलिटी है, फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर सुनील कुमार यादव ने बताया कि डिस्लेक्सिया बोलचाल और सीखने से संबंधित एक बीमारी है इससे बच्चे किसी चीज का उच्चारण करने पढ़ने लिखने और सामने अक्षरों को देखकर सीखने और बोलने में परेशानी महसूस करते हैं, डीआरसी के मल्टीपरपज रिहैबिलिटेशन वर्कर गीता यादव ने बताया कि डिस्लेक्सिया बीमारी से पीड़ित बच्चों को अक्षरों और शब्दों को किसी पुस्तक ब्लैक बोर्ड या डिजिटल सतह पर लिखा हुआ देखकर खुद समझने में समस्या होती है मानसिक रोग की शिक्षिका सुमन यादव ने बताया कि स्पेलिंग को सही से ना पढ़ पाना याद करके तुरंत भूल जाना देखना और अक्षरों में समानता और अंतर करने में कठिनाई अंग्रेजी सीखने में कठिनता अच्छा परफॉर्म न करना बातों को समझने में देरी करना बालों का जवाब देने में कठिनाई पर्यायवाची शब्दों में फर्क ना कर पाना जो के मेल में वह सीखने में कठिनता पढ़ने की गतिविधियों से परहेज सहित अन्य समस्याएं होती हैं, शिक्षक उदयभान यादव ने बताया कि शांत वातावरण में बिना किसी दबाव के सीखने की प्रक्रिया में सहयोग करें।
इस अवसर पर शिव मूर्ति यादव, विजय श्रीवास्तव, जयप्रकाश, प्रमोद कुमार यादव, पंकज कुमार श्रीवास्तव, उमेश कुमार, जानकी, सत्यवती सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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