नई दिल्ली। सेम सेक्स मैरिज में हुई लंबी सुनवाई के बाद ट्यूजडे को सूप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। सेम सेक्स मैरिज का समर्थन कर रहे याचिकाकर्ताओं ने इसे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करने की मांग की हैं। सरकार ने इसे समाज के खिलाफ बताया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पिटीशंस में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 2018 में एसी की संविधान पीठ ने समलैंगिकता को अपराध मानने वाली आईपीएस की धारा 377 के एक पार्ट को रद कर दिया था।इसके बाद दो एडल्ट आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाते हैं तो यह अपराध नहीं है।
नई दिल्ली। सेम सेक्स मैरिज में हुई लंबी सुनवाई के बाद ट्यूजडे को सूप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। सेम सेक्स मैरिज का समर्थन कर रहे याचिकाकर्ताओं ने इसे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करने की मांग की हैं। सरकार ने इसे समाज के खिलाफ बताया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पिटीशंस में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 2018 में एसी की संविधान पीठ ने समलैंगिकता को अपराध मानने वाली आईपीएस की धारा 377 के एक पार्ट को रद कर दिया था।इसके बाद दो एडल्ट आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाते हैं तो यह अपराध नहीं है।
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