बस्ती। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जयन्ती अवसर पर सोमवार को प्रेस क्लब सभागार में गांधी के लोग संस्था द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष गिरजेश पाल के संयोजन में ‘गांधी आज और कल’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता कौमी तंजीम के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद तालिब अली ने कहा कि बापू और शास्त्री के विचार युगों तक प्रासंगिक बने रहेंगे। देश और दुनिया में सत्य और अहिंसा की नयी राह दिखानेवाले मोहनदास करमचंद गांधी सिर्फ नाम नहीं बल्कि विचार है। उनके विचारों से न सिर्फ भारतीय ही प्रभावित थे, बल्कि कई जगहों पर अंग्रेज भी उनके विचारों का सम्मान करते थे। गांधी विचार बन चुके हैं और पूरी दुनियां में शांति, प्रेम का संदेश दे रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रोशन सिंह टण्डन ने कहा कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधी जी के बारे में कहा था कि “भविष्य की पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी कभी धरती पर आया था। ”गांधी के विचारों ने दुनिया भर के लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि करुणा, सहिष्णुता और शांति के दृष्टिकोण से भारत और दुनिया को बदलने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गोष्ठी को गिरजेश पाल, राकेश पाण्डेय गांधियन, बाबूराम सिंह, अवधेश सिंह, शमशाद आलम, अतीउल्ला सिद्दीकी, सुबुही निकहत, मंजू पाण्डेय आदि ने कहा कि गांधी जी ने अपनी संपूर्ण अहिंसक कार्य पद्धति को ‘सत्याग्रह’ का नाम दिया। उनके लिये सत्याग्रह का अर्थ सभी प्रकार के अन्याय, अत्याचार और शोषण के खिलाफ शुद्ध आत्मबल का प्रयोग करने से था।गांधी जी का कहना था कि सत्याग्रह को कोई भी अपना सकता है, उनके विचारों में सत्याग्रह उस बरगद के वृक्ष के समान था जिसकी असंख्य शाखाएँ होती हैं।
अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ कांग्रेस नेता डा. मानिक मिश्र ने कहा कि महात्मा गांधी ने विश्व के बड़े नैतिक और राजनीतिक नेताओं जैसे- मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला और दलाई लामा आदि को प्रेरित किया तथा लैटिन अमेरिका, एशिया, मध्य पूर्व तथा यूरोप में सामाजिक एवं राजनीतिक आंदोलनों को प्रभावित किया।
‘गांधी आज और कल विषयक संगोष्ठी में मुख्य रूप से राम बहादुर सिंह, माधव शुक्ल, जयन्त चौधरी, संजय कन्नौजिया, ई. योगेन्द्र तिवारी, हेमन्त पाल, रामधीरज चौधरी, पी.के. पाण्डेय, सुरेन्द्र सिंह, चन्द्र प्रकाश पाण्डेय, महबूब आलम, लक्ष्मन, घनश्याम, राजेश पाण्डेय, राज बहादुर पाल, राम बचन भारती, अजय कुमार पाण्डेय, जटाशंकर पाण्डेय, दिनेश पाण्डेय, राजपाल, आशुतोष पाण्डेय, ज्ञानदास, अली हसन, अच्छेलाल, महबूब आलम, नफीस खान, भानमती, लालमती, किसमती देवी, फूला देवी, जलधारी, कुमारी निधि, सुभावती देवी, अनारकली, कैलाशी देवी, सोना देवी, संजना, आशा देवी, पुष्पा, पूजा देवी, शीला देवी, विमला देवी, गीता देवी, किशलावती, मीरा देवी, संगीता देवी, सुशीला के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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