बस्ती। ग्राम पंचायत स्तरीय अभिलेखों के समुचित रख-रखाव के साथ-साथ जॉच हेतु इनकी निर्वाध उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह ने निर्देशित किया है। तीनों जिलों के जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में उन्होने शासन के 60 दिन की चुनौतियो का उल्लेख करते हुए निर्देश दिया है कि अभिलेखीय एवं कार्यालयीय प्रबन्धन किया जाय।
उन्होने अपने पत्र में कहा है कि शासन द्वारा भ्रष्टाचार के विरूद्ध ‘‘जीरो टारलेन्स‘‘ की नीति अपनायी गयी है। प्रायः देखा गया है कि जॉच के दौरान ग्राम पंचायतों द्वारा जॉच अधिकारी को सुसंगत अभिलेख उपलब्ध नही कराये जाते है, जिसके कारण जॉचे लम्बे समय तक लम्बित रहती है। इसके अतिरिक्त ग्राम सचिवों के स्थानान्तरण होने एवं उनके द्वारा चार्ज ना दिये जाने की स्थिति भी अत्यन्त आपत्तिजनक है। उन्होने इन स्थितियों में सुधार करने का निर्देश दिया है।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम तथा शासन द्वारा स्पष्ट व्यवस्था की गयी है कि ग्रामपचायत के सभी अभिलेख सचिव की अभिरक्षा में रहेंगे। उन्होने कहा कि ग्रामपंचायत सचिव स्थानान्तरण के बाद एक सप्ताह के भीतर अपना चार्ज/अभिलेख आने वाले सचिव को उपलब्ध करायेंगे। यदि 10 दिन के भीतर चार्ज नही देते है, तो उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जाय। अधिनियम की धारा 14क के तहत अभिलेख देने में चूक होने पर दण्ड का भी प्रावधान है। इसी प्रकार जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन पत्र प्राप्त होने पर नियमानुसार समय से सूचनाए उपलब्ध करायी जाय ताकि आवेदक को अपीलीय अधिकारी एवं राज्य सूचना आयोग ना जाना पड़ें।
उन्होने जनपद स्तर पर जिला पंचायत राज अधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी तथा मण्डल स्तर पर उप निदेशक पंचायत एवं संयुक्त विकास आयुक्त को अभिलेखों की उपलब्धता के लिए जिम्मेदारी सौपा है। इसी प्रकार ब्लाक स्तर पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत एवं बीडीओ उत्तरदायी होंगें। उन्होने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक माह समीक्षा करके इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।
No comments:
Post a Comment