बस्ती। आर्य समाज भारतवर्ष का जीवन्त आंदोलन रहा है और देश की आजादी में आर्य क्रांतिकारियों का प्रबल योगदान रहा है इसे भुलाया नहीं जाना चाहिए। यह बातें आर्य समाज के स्वर्ण जयंती समारोह में पधारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतीत को याद करते हुए कहा कि उनकी पहली सभा आर्य समाज बस्ती में ही हुई थी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार महर्षि दयानंद सरस्वती की 2 सौ वीं और आर्य समाज की 150 जयंती मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए उन्होंने आम जनमानस को महर्षि दयानन्द सरस्वती के योगदान, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में जानकारी रखने की प्रेरणा दी। अपने उद्बोधन में उन्होंने आर्य वीर दल को भी सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सहयोग का आश्वासन दिया। आर्य समाज के योगदान को याद करते हुए कहा कि जब देश से संस्कृति मिटाने का कुचक्र चल रहा था तो उस समय आर्य समाज निर्भीक रूप से वैदिक धर्म का प्रचार कर रहा था और शुद्धि का कार्य कर रहा था।
इससे पूर्व आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा उन्हें देश का सबसे बड़े साइज का सत्यार्थ प्रकाश, काष्ठ यज्ञ कुण्ड, स्मृति चिन्ह और अभिनन्दन पत्र भेट किया गया। मुख्यमंत्री ने दिनेश आर्य द्वारा संकलित पुस्तक रचितांजलि का विमोचन किया। अशोक आर्य प्रचार मंत्री आर्य वीर दल ने मुख्यमंत्री के सम्मान में प्रेरक गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आचार्य सुरेश जोशी ने वैदिक धर्म को सभी धर्मों का मूल बताया। स्वागत भाषण में प्रधान ओम प्रकाश आर्य ने आर्य समाज नई बाजार बस्ती की पचास वर्षों की उपलब्धियां गिनाई। विनय आर्य महामंत्री दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा ने देश की सांस्कृतिक को बचाने में आर्य समाज के योगदान के इतिहास को बताकर सबको भाव विभोर कर दिया। आयोजन में मुख्य रुप से ओंकार आर्य, चुनमुन लाल, निवेदिता आर्य, अर्चना आर्य, अशोक आर्य, आनंद श्रीवास्तव, विवेक गिरोत्रा, अजीत पाण्डेय, उपेंद्र शर्मा, गोपेश्वर त्रिपाठी, अमरेश पाण्डेय, हरिश्चंद्र शुक्ल, अलख निरंजन आर्य, एडवोकेट वीरेंद्र नाथ पाण्डेय, रुक्मिणी आर्य, गरुण ध्वज पाण्डेय, वेदामृतानंद सरस्वती सहित अनेक लोगों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
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