नई दिल्ली। अमेरिका में 5 फीसदी के आसपास की 10 साल की बांड यील्ड इक्विटी बाजारों के लिए प्रतिकूल बनी हुई है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में उथल-पुथल को बाजार अब हालांकि काफी हद तक नजरअंदाज कर रहा है, लेकिन निकट अवधि की चुनौतियां कम नहीं हुई हैं।
विजयकुमार के अनुसार, एफपीआई की बिकवाली बने रहने की संभावना है, जो बैंकिंग शेयरों पर दबाव डाल रहे हैं, जो उनके एयूएम का प्रमुख हिस्सा हैं और इससे घरेलू निवेशकों को इन शेयरों को खरीदने का अवसर मिलता है, जो ठीकठाक मूल्यांकन पर उपलब्ध है।
नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और इससे खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखा जा सकता है। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि ब्याज दर लंबे समय तक रुकेगी और यह बैंकिंग शेयरों के लिए अनुकूल है।
प्रभुदास लीलाधर में तकनीकी अनुसंधान की उपाध्यक्ष वैशाली पारेख ने कहा कि निफ्टी एक बार फिर 19,850 क्षेत्र के प्रतिरोध स्तर को पार करने में विफल रहा और अंततः भारी मुनाफावसूली के साथ 19,700 क्षेत्र से नीचे फिसल गया।
पारेख ने कहा, दिन के लिए समर्थन 19,500 के स्तर पर देखा गया है जबकि प्रतिरोध 19,800 के स्तर पर देखा गया है।
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 164 अंक गिरकर 65,464 अंक पर है। आईटीसी में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है, एचयूएल में 1 फीसदी से ज्यादा गिरावट है।
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