नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राघव चड्ढा को टाइप 7 सरकारी बंगला आवंटित करने का आदेश रद्द कर दिया है। राघव ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। राघव ने अपनी सुरक्षा और आतंकी खतरों का हवाला देते हुए निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राघव चड्ढा के वकील ने कहा कि उन्हें पंजाब से लगातार धमकियां मिल रही हैं। राघव के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को पंजाब में सुरक्षा प्राप्त है, तो इसका मतलब यह नहीं कि दिल्ली में सुरक्षा कम कर दी जाए।
टाइप-7 बंगला कैसे मिला था?
इस दौरान राघव ने कहा कि मुझे शक है कि ये सब मेरी शादी के वक्त मुझे परेशान करने के इरादे से जानबूझकर किया गया है। आपको बता दें कि जब राघव राज्यसभा सदस्य बने तो उन्हें टाइप-6 बंगला आवंटित किया गया था। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से उन्हें टाइप-7 बंगला आवंटित करने की गुहार लगाई थी। इस फैसले के बाद राघव को बंगला आवंटित कर दिया गया था।
अब सवाल है कि विवाद क्यों हैं?
राघव चड्ढा को आवंटित बंगला टाइप-7 बंगला है, यह बंगला आमतौर पर पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और वरिष्ठ नेताओं को दिया जाता है। राघव इस बंगले के लिए पात्र नहीं हैं। आपको बता दें कि पटियाला कोर्ट के फैसले को सचिवालय ने सही ठहराया था, पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद आप नेता राघव चड्ढा ने इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अब दिल्ली कोर्ट के फैसले से राघव चड्ढा को राहत मिल गई है।
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