<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Monday, September 11, 2023

INDIA को भारत बनाने पर, बीजेपी ने सदन से कर दिया था वॉकआउट


नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी गठबंधन ने यूपीए का नाम बदलकर ‘इंडिया’ रखा है। जिसके बाद एनडीए गठबंधन के नेताओं और विपक्षी दलों के नेताओं में एक बहस छिड़ी है। वहीं हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित डिनर के लिए भेजे गए निमंत्रण में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा होने के बाद देश का नाम बदलने की अफवाह तेज हो गई।
जिसका विपक्ष लगातार विरोध करता आ रहा है। जानकारी के लिए बता दूं कि यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब देश का नाम बदलने को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की कोशिशें हो चुकी हैं।आज से करीब 20 साल पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी देश का नाम बदलने का प्रस्ताव यूपी विधानसभा में ला चुके हैं। वाक्या साल 2004 का है, जब मुलायम सिंह यादव देश का नाम इंडिया से भारत करने को लेकर प्रस्ताव यूपी विधानसभा में लेकर आए थे।
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 2004 में एक प्रस्ताव पारित किया था कि संविधान में संशोधन करके ‘इंडिया दैट इज़ भारत’ के बजाय ‘भारत दैट इज़ इंडिया’ कहा जाना चाहिए। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के प्रस्ताव को राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन भाजपा प्रस्ताव पारित होने से पहले ही सदन से वॉकआउट कर गई।
2004 में इंडिया को भारत बदलने के प्रस्ताव में मुलायम सिंह यादव की विचारधारा किसी भी औपनिवेशिक चीज को दूर करने के साथ तालमेल बैठा रही थी। जिसमें अंग्रेजी को त्यागना और राम मनोहर लोहिया के नेतृत्व में एक समाजवादी रुख शामिल था।
लोहिया का मानना था कि अंग्रेजी ने शिक्षित और अशिक्षित के बीच विभाजन पैदा किया है, इसलिए इसकी जगह हिंदी को राजभाषा बनाया जाना चाहिए। हमारा देश सदैव भारत के नाम से जाना जाता था। हालांकि, ब्रिटिश शासन के 200 वर्षों के दौरान इसका नाम इंडिया रखा गया था।
2015 में सुप्रीम कोर्ट में बोली थी मोदी सरकार वहीं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जो 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा। हालांकि संसद के इस खास सत्र का एजेंडा क्या होगा? इस बारे में सरकार ने आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं बताया है। अब ये मुद्दा कांग्रेस और बीजेपी के बीच विवाद का विषय बन गया है।
संसद के इस विशेष सत्र को लेकर लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं।किसी का कहना है कि सरकार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़ा बिल ला सकती है, कोई ‘इंडिया’ शब्द हटाने की बात कर रहा है, कहीं महिला आरक्षण विधेयक की चर्चा गर्म है, कहीं चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बदलाव पर मुहर लगाने की बात हो रही है तो कहीं गणेश चतुर्थी के मौके पर नए संसद भवन में शिफ्च होने की बात हो रही है।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages