लखनऊ। केजीएमयू के अटेवा पेंशन बचाओ मंच द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के लिए बैठक आयोजित की गई। बुधवार कुलसचिव कार्यालय के पीछे हेल्थ कर्मचारियों ने एक स्वर में पुरानी पेंशन लागू करवाने के लिए अपने अपने सुझाव व्यक्त किए। जिसमें ऑल टीचर्स एंड एंप्लॉयज वेलफेयर एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करवाने के लिए शासन स्तर पर लड़ाई जारी है।देश के अन्य राज्यों में भी संघर्ष जारी है।
अटेवा संगठन ने स्लोगन देते हुए कहा कि एनपीएस है एक घातक बीमारी,निजीकरण है एक महामारी उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों का सबसे बड़ा दर्द एनपीएस है। इसमें किसी को छह सौ किसी को नौ सौ रुपए पेंशन मिल रही है। वहीं अतेवा कर्मचारी संघ ने कहा कि निजीकरण एक अभिशाप की तरह है,यह एक शोषणकारी व्यवस्था है। इसमें पूजीपति शोषक और आमजन शोशित है।इसका प्रमुख कारण एनपीएस व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में उड़ीसा सरकार द्वारा संविदा और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर सराहनीय कार्य किया है।बैठक के दौरान हेल्थ कर्मचारियों ने निर्णय लेते हुए कहा कि हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तो निश्चित तौर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी 1अक्टूबर को पेंशन शंखनाद रैली दिल्ली चलो थीम के तहत कर्मचारी अपनी मांग मनवाने के लिए आंदोलन करेंगे। बैठक में अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार जितेंद्र एवं नर्सेज कर्मचारी मौजूद रहे।
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