21 अक्टूबर को स्कूलों को बंद कर आन्दोलन की चेतावनी
बस्ती । गुरूवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समक्ष शिक्षकोें ने विशाल धरना दिया। पेंशन बहाली संयुक्त मंच ‘एन.जे.सी.ए. राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर आयोजित धरने में एन.पी.एस. का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया गया। धरने के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक सूत्रीय ज्ञापन पुरानी पेेंशन बहाल किये जाने एवं बेसिक शिक्षा परिषद में नियुक्त किये गये ठेका, संविदा, मानदेय, शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रसोईया,लेखाकार, कम्प्यूटर आपरेटर, जिला समन्वयक आदि को नियमित वेतनमान का कर्मचारी बनाये जाने आदि की मांग पर केन्द्रित ज्ञापन जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को सौंपा गया। इसी कड़ी में स्थानीय समस्याओं को लेकर दूसरा ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार त्रिपाठी को सौंपा गया।
धरने को सम्बोधित करते हुये संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने कहा कि वर्ष 2005 में लागू की गई एन.पी.एस. व्यवस्था की दुर्दशा बयान नहीं किया जा सकता। 19 वर्ष के बाद भी समय से न तो खाते खुले और न ही कटौतियां सुव्यवस्थित ढंग से हुई। दोष पूर्ण व्यवस्था के कारण अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक आर्थिक, मानसिक उत्पीड़न झेल रहे हैं, आकस्मिक, दैवीय घटना होने पर परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं रह गया है। एनपीएस की सबसे बड़ी आपत्ति अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक के हजारों करोड़ की धनराशि शेयर मार्केट, म्यूचुअल फण्ड एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं के बाण्ड में निवेश किया जा रहा है। उसके आय व परिणामों के आधार पर पेेंन्शन निर्धारित होगी। हर्षद मेहता सहित शेयर बाजार आदि में हुये अनेकों घोटालोें को देश जानता है। सरकार द्वारा एनपीएस में पेंशन भुगतान की गारण्टी भी नहीं दिया गया है। सर्वाेच्च न्यायालय के पूर्ण पीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि कर्मचारियों की पेंशन भीख नहीं है, बल्कि उनका अधिकार है। पुरानी पेंशन की बहाली कोई नई मांग नहीं है। सेवानिवृत्त के पश्चात जीवन यापन हेतु हमसे और हमारे परिवार से छीनी गई सुविधा को वापस दिलाया जाय। उन्होने आवाहन किया कि अपने अधिकारों के लिये सजग हो वरना सरकार एक-एक कर अधिकार छीन लेगी। कहा कि पेंशन प्राप्त करना कर्मचारियों का विधिक अधिकार है। आगामी 21 अक्टूबर को जनपद के सभी परिषदीय विद्यालय पूर्ण तालाबंदी करेेंगे। सभी शिक्षक अपने विद्यालय परिवार सहित आन्दोलन में शामिल होंगे।
धरने को संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष अखिलेश मिश्र, जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त मंत्री विजय प्रकाश चौधरी, जिला कोषाध्यक्ष अभय सिंह यादव, जिला प्रवक्ता सूर्य प्रकाश शुक्ल, देवेन्द्र वर्मा, आनन्द दूबे, राजकुमार सिंह, महेश कुमार, दिवाकर सिंह, इन्द्रसेन मिश्र, नरेन्द्र पाण्डेय, राम प्रकाश शुक्ल, चन्द्र प्रकाश चौरसिया, अभिषेक उपाध्याय, शशिकान्त धर द्विवेदी, सन्तोष कुमार शुक्ल, राम पाल चौधरी, रामभरत वर्मा, सन्तोष शुक्ल, रजनीश मिश्र, सरिता पाण्डेय, रीता शुक्ला, राजीव पाण्डेय, बब्बन पाण्डेय, ओम प्रकाश पाण्डेय, राजेश कुमार चौधरी, राधेश्याम मिश्र, त्रिलोकीनाथ, आनन्द सिंह, फैजान अहमद, मारूफ खान, उमाशंकर मणि, विवेक कान्त पाण्डेय, रवीश मिश्र, मुक्तिनाथ वर्मा, नरेन्द्र दूबे, आशुतोष पाण्डेय, सुनील पाण्डेय, राम पराग चौधरी, चन्द्रिका सिंह, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, अकिलेश कुमार चौधरी, ओम प्रकाश, योगेश्वर शुक्ल, रक्षाराम वर्मा, सतीश शंकर शुक्ल आदि ने सम्बोधित करते हुये शिक्षक समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि पुरानी पेंशन हासिल करने के लिये चरणबद्ध आन्दोलन बनाये रखना होगा।
विशाल धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से रमेश विश्वकर्मा, शोभाराम वर्मा, दिनेश वर्मा, भरत राम, विवेकानन्द चौरसिया, राजीव उपाध्याय, सच्चिदानन्द शुक्ल, हिमांचल दूबे, स्कन्द मिश्र, प्रमोद तिवारी, राजेश कुमार, विनय कुमार, राजेश पाठक, सुनील तिवारी, आदित्य तिवारी, आरती गौतम, सरिता त्रिपाठी, माध्वी शुक्ला, ऋचा त्रिपाठी, सुभाष चन्द्र, सविता पाण्डेय,अनुराधा चौधरी,पूजा शुक्ला,राजकुमारी,प्रज्ञा सिंह,पंकज पटेल,सौम्या पाण्डेय,शालिनी वर्मा, मधूलिका, वंदना,सूफिया, ओम प्रकाश, याकूब,किरण गौतम, रागिनी उपाध्याय, संध्या, ममता जायसवाल, नेहा,सावित्री देवी,रचना पाल के साथ ही बडी संख्या में शिक्षक एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग शामिल रहे।
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