बस्ती। जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के एक दरोगा ने कारनामा कर दिखाया है, न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के आदेश के बावजूद उसने नाबालिक बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण ही नहीं कराया। न्याय पीठ के अध्यक्ष ने इसे नाबालिग बालकाओं के अधिकार के प्रति पुलिस की लापरवाही मानते हुए पुलिस अधीक्षक को सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही के लिए पत्र जारी किया है। पत्र में कहा है कि 18 तारीख तक न्याय पीठ के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना सुनिश्चित करें।
बताते चलें कि उक्त थाना क्षेत्र की दो सगी बहनों के भाई ने न्याय पीठ के समक्ष उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र दिया था कि मेरी दो नाबालिग बहनों को गांव के ही दो लोग भगा कर ले गए हैं। न्याय पीठ ने मुकामी पुलिस को आदेश दिया कि बालिकाओं को न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाय। पुलिस ने 8 सितंबर को दोनों बालिकाओं को न्याय पीठ के सामने प्रस्तुत किया, जहां पर न्याय पीठ के सदस्य अजय श्रीवास्तव, डा संतोष श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी ने आपसी विमर्श के बाद आदेश दिया कि बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण करवाकर पुनः पीठ के समक्ष प्रस्तुत करे। थाने के उप निरीक्षक ने 11 सितंबर को न्याय पीठ के समक्ष कथन किया की बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण नही कराया गया है, कारण पूछने पर कहा कि चूंकि इस मामले में मुकदमा नही दर्ज किया गया है, इसलिए मेडीकल नही कराया गया है। यह भी बताना आवश्यक है कि बालिकाएं लगभग 4 माह आरोपियों के साथ दूसरे प्रदेश में रह कर वापिस आई है। न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने इसे जेजे एक्ट के आदर्श नियम 18 की धारा 6 का उल्लघंन मानते हुए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही के लिए लिखा है।
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