लखनऊ। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा बस्ती रेप कांड में मृत दंपति की आत्मा की शांति व उनके बच्चों-परिवारजनो को न्याय दिलाने के लिए कैंडिल मार्च निकाल महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
सुशील दीक्षित ने बताया कि एक तरफ प्रदेश मे बीजेपी की डबल इंजन की सरकार द्वारा महिला आरक्षण बिल का बखान किया जा रहा है और दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है जिसके चलते आये दिन महिलाओें के साथ बलात्कार, हत्या, हिंसा व मानसिक-शारीरिक शोषण की घटनाए बढ़ रही है। बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण जनता का विश्वास योगी सरकार से उठ गया है।
कैंडिल मार्च में मुख्यरूप रविदास मेहरोत्रा विधायक, सुशील दीक्षित, पूजा शुक्ला, विजय सिंह यादव, पूर्व महामंत्री लखनऊ बार जितेन्द्र यादव (जीतू), दीपक रंजन, तारा चन्द्र यादव, एखलाख अहमद, प्रदीप पाण्डेय, राजकुमार मौर्या, अहमद शफी, प्रशांत यादव, संतोष श्रीवास्तव, इरशाद अहमद गुड्डू, अवनीश कुमार यादव, राजशेखर शास्त्री, महबूब खान, जावेद खान, सनी सिंह, रितेश साहू, सरवर अली, मुन्नीपाल, अमन धानुक, रामनरेश चौरसिया, अरविन्द यादव, मोनू कन्नौजिया, शर्मिला महाराज, आदेश यादव, अमित सोनकर, दिनेश चौधरी, राजकुमार सोनकर, सुधा जैसवार, लंता जैसवार, नईमा बानो, प्रीति तिवारी, किरन पाण्डेय, मुनव्वर आलम कुरैशी, बदरे आलम, मो0 अहमद, सलमा, सबीना खान, ओशीन राज, डिम्पी राज, गीता लोधी, मुन्ना हाशमी, रामपाल यादव, अलाउद्दीन अंसारी, बनवारी साहू, सुनील तन्तुआ, अजीम, आदि भारी संख्या में नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे।
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