बस्ती। फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के अनुसार अर्धदण्ड दो एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषकों से रू0 2500, दो से पाँच एकड़ वाले कृषकों से रू0 5000 एवं पाँच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले कृषकों से रू0 15000 की क्षतिपूर्ति प्रति घटना की वसूली की जायेगी। उक्त चेतावनी जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने देते हुए बताया है कि इसके साथ ही दोषी के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही भी किया जायेंगा।
उन्होने बताया कि फसल अवशेष/पराली को खेतों में जलाने से भूमि उर्वरा शक्ति पर दुष्प्रभाव पडता है, लाभकारी सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है, आगामी फसल की ऊपज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न हो जाती है, इसके साथ ही वायु अत्याधिक प्रदूषित हो जाती है, जो जन मानस के स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है। यह भी देखने में आता है कि फसल अवशेष जलाने से भीषण अग्निकांड की घटनाएं हो जाती है जिसमें जन, पशु की मृत्यु तक हो जाती है।
उन्होने बताया कि पराली/फसल अवशेष नही जलाने से मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि होती हैं, लाभकारी सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है, मृदा में जल धारण संख्या में वृद्धि होती है, दलहनी फसलों के अवशेष से मृदा में नत्रजन एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है।
उन्होने यह भी बताया है कि जनपद में कम्बाइन हार्वेस्टिंग स्ट्रा रीपर विद बाइन्डर अथवा स्ट्रा रीपर का प्रयोग अनिवार्य है। इसके साथ ही बिना रीपर मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन मालिकों के विरूद्ध सिविल दायित्व भी निर्धारित किये जायेंगे। उन्होने समस्त कम्बाइन मालिकों को निर्देशित किया है कि बिना स्ट्रारीपर के कम्बाइन मशीन से फसल कटाई पूर्णतः प्रतिबंधित है। अन्यथा की दशा में कम्बाइन मशीन मालिक के विरूद्ध सिविल दायित्व निर्धारित करते हुए विधि कार्यवाही की जायेगी।
No comments:
Post a Comment