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Tuesday, September 5, 2023

विपक्षी ‘इंडिया’ की बैठक में शरद पवार की मौजूदगी ने बदला माहौल, एनडीए से दोस्‍तों की अटकलों पर लगा विराम


नई दिल्‍ली। महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के बागी हो जाने के बाद यहां सियासी रणनीतियां बदलने लगी हैं। ऐसा कई बार देखा गया है कि शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले अपने बयानों में अजित के प्रति नरम होते दिखाई दिए हैं। चुनावी पंडितों के एक वर्ग का मानना था कि शरद पवार विपक्षी ‘इंडिया’ गुट से अपना नाता तोड़ एनडीए के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ा सकते हैं। मगर मुंबई में विपक्षी ‘इंडिया’ गुट की बैठक में अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी और समन्वय समिति में शामिल किए जाने से उन अटकलों पर विराम लग गया है कि वे भाजपा विरोधी मोर्चे के इतर कोई कोई कदम उठाने वाले हैं।
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सम्मेलन में पवार की सक्रिय भागीदारी और 14 सदस्यीय समन्वय समिति में शामिल होने से एनसीपी प्रमुख के विपक्षी मोर्चे से अलग होने की किसी भी अटकलों पर विराम लग गया है। समन्वय समिति में अन्य लोगों के अलावा केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) राज्यसभा सांसद संजय राउत, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महासचिव अभिषेक बनर्जी और आम आदमी पार्टी (आप) सांसद राघव चड्ढा शामिल हैं। उम्मीद है कि यह अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता गुट की दिशा तय करेगा।
2 जुलाई को पवार के भतीजे अजित ने अपने चाचा से नाता तोड़कर महाराष्ट्र में भाजपा-एकनाथ शिंदे  सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो गए थे। इसके बाद, अजित ने कम से कम चार बार पवार से मुलाकात की, जिसमें 12 अगस्त को रियल एस्टेट दिग्गज और पवार के करीबी सहयोगी अतुल चोरडिया के पुणे स्थित आवास पर मुलाकात भी शामिल है।
अजित के साथ इन मुलाकातों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में 1 अगस्त को पुणे में एक पुरस्कार समारोह में उनके साथ मंच साझा करने के पवार के फैसले को भी विवादों में डाल दिया। प्रधानमंत्री के सम्मान समारोह में पवार की मौजूदगी विपक्षी इंडिया के नेताओं संशय में डाल दिया था। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शरद-अजित की मुलाकातें एनसीपी के सहयोगियों को अच्छी नहीं लगीं और इससे उनके कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में भ्रम पैदा हो गया।
यह भ्रम तब और बढ़ गया जब पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि उनके चचेरे भाई अजित उनके नेता बने रहेंगे। सुले ने कहा, ‘वह हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक हैं। हममें से कुछ लोगों ने एक अलग निर्णय लिया है और हमने इसके बारे में विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की है। एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है।’
हालांकि, इन तमाम अटकलों के बावजूद मुंबई में विपक्षी ‘इंडिया’ गुट की बैठक में अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी और समन्वय समिति में शामिल किए जाने से विपक्षी गुट के नेताओं का पवार के प्रति विश्वास जगा है। उन्हें उम्मीद है कि वह भाजपा विरोधी गुट में आखिर तक साथ देने और इंडिया गुट की गठबंधन की सरकार बनाने में एक अहम योगदान देंगे।

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