बस्ती। पुरानी पेंशन बहाल किये जाने की मांग को लेकर जागरूकता अभियान का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल की अध्यक्षता में साऊंघाट विकास खण्ड के पुर्सिया बी.आर.सी. पर पेंशन बहाली संयुक्त मंच ‘एन.जे.सी.ए. राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर बैठक कर संघर्ष की रणनीति तय की गई। बैठक में संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि शिक्षक, कर्मचारी न जागे तो पुरानी पेंशन लागू नहीं हो पायेगी। इसके निये एकजुट होकर संघर्ष की धार को बनाये रखना होगा। कहा कि पेंशन बहाली संयुक्त मंच ‘एन.जे.सी.ए. राष्ट्रीय नेतृत्व में समूचे देश में समस्त बड़े संगठनों द्वारा आन्दोलन का सिलसिला जारी हैै। कहा कि शिक्षक, कर्मचारी गुमराह न हों, संगठन पूरी ताकत के साथ पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिये संघर्षरत है।
बताया कि आगामी 21 सितम्बर को पुरानी पेंशन बहाल किये जाने के एक सूत्रीय मांग को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना देकर एन.पी.एस. का पुतला फूंकने के साथ ही ज्ञापन भेजा जायेगा। कहा कि शिक्षकों, कर्मचारियों के समक्ष करो या मरो जैसे हालात है। पुरानी पेेंशन बहाल हो इसके लिये हर स्तर पर संघर्ष की धार को मिलकर तेज करना होगा।
संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष अखिलेश मिश्र, जिला मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, साऊंघाट ब्लक अध्यक्ष अभिषेक उपाध्याय, रमाकान्त सिंह, अखिलेश चौधरी आदि ने कहा कि शिक्षक और कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन जीवन का आधार है। कई राज्य सरकारोें ने इसे लागू भी कर दिया है किन्तु केन्द्र की सरकार इस दिशा में गंभीर नही है। वक्ताओं ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती चरणबद्ध ढंग से आन्दोलन जारी रहेगा। पेंशन शिक्षकों, कर्मचारियोें का अधिकार है, इसे लेकर रहेंगे। कहा कि सरकार को पुरानी पेंशन लागू करना ही होगा।
यह जानकारी देते हुये संघ के जिला प्रवक्ता सूर्यप्रकाश शुक्ल ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर आयोजित बैठक में मुख्य रूप से ओम प्रकाश, नसीमा, आभा सिंह, अनिता, सुनीता चौधरी, मो. याकूब, विजय, अभिनव, अनूप सिंह, उपमा वर्मा, शमां, फरीदा, रमाकांत सिंह, महजबी, सौम्या गुप्ता, नीलम पाण्डेय, प्रियंका, संगीता उपाध्याय, उमेश चंद्र पाल, आफसा प्रवीण, सोनिल, अखिलेश मिश्रा, दुखराम, दीपक गौतम, शैलेंद्र वर्मा, प्रभात पाण्डेय, चंद्रपाल चौधरी, रचना वर्मा, नम्रता सिंह,चंद्रकांत पाण्डेय के साथ ही अनेक शिक्षक और संघ पदाधिकारी शामिल रहे।
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