बेंगलुरु। जद (एस) सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने भाजपा के साथ चुनावी समझौते का बचाव किया और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर पार्टी को धोखा देने के लिए कांग्रेस पर हमला किया। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने देवेगौड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए प्रतिक्रिया दी।
एचडी देवगौड़ा ने अपने बेटे एचडी कुमारस्वामी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, उन्होंने (कांग्रेस के) फारूक अब्दुल्ला को हराया था। कांग्रेस पार्टी ने गलतियां की हैं। मैं कांग्रेस के जद (एस) पार्टी को धोखा देने के 100 उदाहरण दे सकता हूं। हमें किसी बात की परवाह नहीं है।
देवेगौड़ा ने कहा, हमने धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को खत्म करने के बारे में नहीं सोचा है। हम धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बरकार रखने के कुछ भी करेंगे। मैं इसकी घोषणा करता हूं।
उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी की भाजपा नेताओं से मुलाकात से पहले मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की थी। छुपाने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने उन्हें कर्नाटक की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया, चीजों को ठीक करने के लिए कहा और बाद में कुमारस्वामी ने उनसे मुलाकात की। मैं किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।
देवेगौड़ा ने कहा, कर्नाटक की मौजूदा स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है? राज्य में कुमारस्वामी की सरकार को किसने गिराई? किसने 17 विधायकों को मुंबई भेजा और राज्य में भाजपा सरकार को सत्ता में आने दिया?
देवेगौड़ा ने कहा, कुमारस्वामी कभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए किसी के पास नहीं गए। वे (कांग्रेस) हमारे दरवाजे पर आए थे। मैंने शुरू में मना कर दिया था लेकिन बाद में मुझ पर दबाव डाला गया। मैंने कभी सत्ता की राजनीति नहीं की। राहुल गांधी के माध्यम से जद (एस) को भाजपा की बी-टीम करार दिया गया।
जब कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ तो मैंने देखा कि क्या साजिश हुई। अब वे भाजपा के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं। क्या एक परिवार को इस देश पर शासन करना चाहिए? पीएम मोदी के व्यस्त होने के कारण मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा हुई। मैंने सभी विधायकों और एमएलसी से चर्चा की है।
कुमारस्वामी ने दावा किया कि जब जद (एस) ने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया था, तो उन्हें अमित शाह का फोन आया था। अगर मैं सहमत होता, तो मैं पांच साल के लिए सीएम बन जाता। मैंने देवगौड़ा के शब्दों का सम्मान किया और कांग्रेस के साथ चला गया।
कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को नष्ट कर रही है। इसकी शुरुआत 2004 में हुई थी। जद (एस) से मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, राजनीति में यह आम बात है। छह दशकों तक हमने देवेगौड़ा द्वारा उठाए गए दर्द को देखा है। किसी ने भी देवेगौड़ा की तरह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठाए। यह मेरे लिए कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।
भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर जद (एस) पर पलटवार करते हुए सीएम सिद्दारमैया ने कहा, सांप्रदायिक पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद जद (एस) को खुद को धर्मनिरपेक्ष नहीं कहना चाहिए।
सरकारी आदिवासी आश्रम स्कूल कोनानकेरे के पास मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी के साथ जद (एस) के गठबंधन से कोई दिक्कत नहीं है।
इसके अलावा कुमारस्वामी के सीएम बनने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने सवाल किया कि जद (एस) को क्या कहा जाना चाहिए, जिसने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है। जद (एस) को धर्मनिरपेक्ष होने का दावा नहीं करना चाहिए।
मीडिया के इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या सिद्दारमैया ने 2004 में भाजपा के वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी, उन्होंने कहा कि यह सच है कि जब वह जनता पार्टी में थे तब उनकी मुलाकात भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से हुई थी।
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