नई दिल्ली। भारत अपने दोनों पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की हरकतों से हमेशा परेशान रहता है। दोनों देश आए दिन कुछ न कुछ हरकतें करते रहते हैं। भारत को हमेशा 2.5 मोर्चे के युद्ध के लिए तैयार रहना होता है। इसके लिए सेना हमेशा तैयार रहती है। भारत का चीन से मुकाबला हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक होता है। भारत अब इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी नौसेना अपनी ताकत बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए भारतीय नौसेना 68 युद्धपोत और कई जहाज खरीदने जा रहा है। भारत ने कुल 2 लाख करोड़ रुपए के खरीद का ऑर्डर दिया है।
इन समानों की खरीद को मंजूरी
भारतीय नौसेना ने 143 विमान और 130 हेलिकॉप्टरों के साथ 132 वॉरशिप की खरीद की इजाजत दे दी है। नौसेना ने इसके अलावा नेक्सट जनेरेशन के 8 छोटे युद्धपोत, 9 पनडुब्बी, 5 सर्वे जहाज और 2 मल्टीपर्पस शिप के प्रोडक्शन की भी इजाजत दी है। इन सभी युद्धपोतों और शिप को आने वाले समय में देश में ही तैयार किया जाएगा। पिछले कुछ समय में कुछ युद्धपोतों को डिकमीशन कर दिया गया है। इसके बाद नौसेना को नए जेनरेशन के साजों समान की जरूरत हो रही थी. दरअसल नौसेना 2030 के प्लान पर काम कर रही है। प्लान के मुताबिक नौसेना के पास साल 2030 तक 155 से 160 कुल युद्धपोत मौजूद होंगे।
नेक्सट जेनरेशन की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नेवी साल 2035 तक उसके बेडे में कम से कम 175 युद्धपोत शामिल करने को देख रही है। इन सभी वॉरशिप के जरिए हिंद महासागर में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। इसके साथ ही स्ट्रैटजिकली क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करना शामिल है। सेना इसके साथ ही लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ नए जेनेरेशन के ड्रोन्स की संख्या बढ़ाना है। नेवी अपने बेड़े को देश के सुरक्षा के लिए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना चाहती है। चीन की हैकड़ी इन सब को देखकर कम होगी। लेकिन वो अपनी हरकतों से भारत को
घेरने की कोशिश करता है लेकिन हर बार वो मुंह की खाता है हमेशा सीमा विवाद को बढ़वा देता है।
No comments:
Post a Comment