लखनऊ। केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ.सूर्यकांत को डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि हासिल कर लिया है। मंगलवार उत्तराखंड के देहरादून स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय द्वारा डा. सूर्यकान्त को “डाक्टर ऑफ साइन्स’’ की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया। यह उपाधि बीते सोमवार को उत्तराखण्ड के राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह एवं डा. धन सिंह रावत, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड ने विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षान्त समारोह के दौरान प्रदान की।
डा. सूर्यकान्त को यह उपाधि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में रोगी सेवा, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं शोध कार्यों में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट एवं अप्रतिम योगदान के लिए प्रदान की गयी। ज्ञात रहे कि डा. सूर्यकान्त को स्टैनफोर्ड, यूनिवर्सिटी अमेरिका द्वारा चयनित विश्व के सर्वाेच्च दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त हुआ है। डा. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 21 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टीबी एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 800 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।
इसके साथ ही दो अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 20 फेलोशिप्स, 15 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है तथा इससे पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, आईएमए इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 फेलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा ब्रोन्कियल अस्थमा के क्षेत्र में बेस्ट इनोवेशन भी शामिल है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 184 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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