समस्तीपुर। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। विपक्षी एकता के सूत्रधार कहे जानेवाले सीएम नीतीश को लेकर पीके ने कहा कि वे उनकी बिहार के बाहर की यात्राओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाटेड पांच सीटों से कम पर ही सिमट जाएगी।
जन सुराज पदयात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर ने ये बातें समस्तीपुर के दूधपुरा हवाई अड्डा मैदान में आयोजित प्रेस वार्ता में कही. पीके ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ”मैं नीतीश कुमार की राज्य की बाहर की यात्राओं को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता हूं। आपने बंगाल में मेरा ट्वीट देखा होगा. मैंने कहा था भाजपा को 100 सीट नहीं आएगी. आगामी लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार के श्रक्न् की 5 सीट भी नहीं आने वाली है, चाहें जो कर लें, आज मैं लिखकर दे देता हूं.”।
पीके ने आगे कहा, जेडीयू का जमीन पर कोई अस्तित्व ही नहीं बचा है। संगठन नहीं है, नेता नहीं है, छवि नहीं है तो कौन जेडीयू को वोट देगा? पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जेडीयू का कोई भविष्य नहीं है अब जीडीयू नाम की पार्टी का अंतिम काल चल रहा है इसलिए नहीं कि उस पार्टी में खराबी है. जेडीयू के नेतृत्वकर्ता नीतीश कुमार ने ही अपनी पार्टी का क्रिया कर्म कर दिया है। उनको अब जेडीयू की जरूरत ही नहीं है, उनको बस इतनी जरूरत है कि हम मुख्यमंत्री बने रहें और चाहे पार्टी में जो हो काम करे न करें।
पीके ने आगे कहा, जेडीयू में जमीनी स्तर के जो कार्यकर्ता हैं वो बहुत सही लोग हैं. ये वो लोग हैं; जब लालू जी के दौर में राजनीतिक विकल्प बन रहा था तब जेडीयू यहां पर मेजर पार्टी थी तो बहुत सारे अच्छे लोग जेडीयू में जुड़े थे. मौजूदा दौर में या तो वो निष्क्रिय हैं या निष्क्रिय कर दिए गए हैं। इसके जिम्मेदार कोई हैं तो वो खुद नीतीश कुमार हैं। आप रोज पलट कर उधर इधर हो रहे हैं इसकी क्या गारंटी है कि आप फिर नहीं पलटेंगे।
पीके ने अन्य पार्टियों का आकलन करने से इनकार करते हुए कहा कि चुनाव अभी बहुत दूर है, मैं अभी सबके बारे में नहीं बता सकता. बता दें कि प्रशांत किशोर बीते वर्ष 2022 के 2 अक्टूबर से ही पूरे बिहार में जनसुराज यात्रा पर निकले हुए हैं। राजनीतिक के जानकार बताते हैं कि प्रशांत किशोर बिहार में एक नये राजनीतिक विकल्प के तौर पर स्वयं को प्रस्तुत करना चाहते हैं। इसी क्रम में उनके निशाने पर जदयू, राजद के साथ भाजपा भी रहती है।
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