नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर प्रगति की समीक्षा की और जोहान्सबर्ग में हाल ही में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बारे में भी बातचीत की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को लेकर भी कुछ बातें हुई हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता जताई है और बताया कि रूस का प्रतिनिधित्व रूसी संघ के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। रूस के फैसले पर सहमति जताते हुए, पीएम ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत सभी पहलों के लिए रूस के लगातार समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए।
बता दें कि यह पहले ही सामने आ गया था कि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में होने जा रही जी-20 समिट में शामिल नहीं होंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुतिन के भारत नहीं आने के पुष्टि की थी। उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। पेसकोव ने साथ ही उन्होंने कहा है कि येवगेनी प्रिगोझिन की विमान दुर्घटना में हुई मौत में क्रेमलिन की संलिप्तता के आरोप बिल्कुल झूठ हैं। पेसकोव का कहना था कि पश्चिमी देशों का कहना है कि प्रिगोझिन की मौत के पीछे क्रेमलिन का हाथ है, यह पूरी तरह से झूठ है।
दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे। इसकी पुष्टि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को की है। पेसकोव ने कहा है कि राष्ट्रपति की सितंबर महीने में भारत आने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. बता दें कि, जोहान्सबर्ग में हाल ही में समाप्त हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुए थे। उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया था। जी-20 का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। जिस सदस्य देश के पास इसकी अध्यक्षता होती है, वही समिट का आयोजन करता है। 1 दिसंबर 2022 से भारत के इसका अध्यक्ष है। भारत नवंबर 2023 तक जी-20 का अध्यक्ष रहेगा। जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होगा।
क्या है जी-20 ?
- जी-20 का गठन 1999 में हुआ था। तब ये वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। 2008-2009 में दुनिया में भयानक मंदी आई थी। इस मंदी के बाद इस संगठन में बदलाव हुए और इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया।
- साल 2008 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इसकी समिट हुई। 2009 और 2010 में साल में दो बार जी-20 समिट का आयोजन होता था। 2009 में लंदन और पिट्सबर्ग में, जबकि 2010 में टोरंटो और सियोल में इसका आयोजन हुआ। 2011 के बाद से ये साल में एक बार ही होती है।
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