वेस्टइंडीज। वेस्टइंडीज ने लॉडरहिल में खेले गए पांचवें और निर्णायक टी20 में टीम इंडिया को 8 विकेट से हराकर पांच मैच की सीरीज 3-2 से जीत ली। भारतीय क्रिकेट टीम 2 साल में पहली बार किसी द्विपक्षीय टी20 सीरीज में हारी है। आखिर क्यों हार्दिक पंड्या की यंग ब्रिगेड के हाथ नाकामी लगी। कहां टीम इंडिया ने गलती की। आइए इसकी 5 वजहें जानते हैं।
बीते 2 साल और 12 सीरीज से जो टीम इंडिया के साथ नहीं हुआ था, वो सिलसिला वेस्टइंडीज के घर में टूट गया। टीम इंडिया पिछले 2 साल में पहली बार कोई द्विपक्षीय टी20 सीरीज हारी. वेस्टइंडीज ने भी पूरे 6 साल बाद भारत के खिलाफ टी20 सीरीज जीती। भारतीय टीम ने सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की थी और अगले 2 मैच जीतकर सीरीज बराबर कर दी थी लेकिन निर्णायक मुकाबले में वेस्टइंडीज ने एकतरफा अंदाज में भारत को 8 विकेट से शिकस्त देकर सीरीज अपने नाम कर ली। हम आपको टीम इंडिया की ऐसे प्रदर्शन की वजह बताते हैं।
हार्दिक की लचर कप्तानीरू भारत की वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज गंवाने की सबसे बड़ी वजहों में से एक हार्दिक पंड्या की खराब कप्तानी है। उन्होंने सीरीज में कई ऐसे फैसले लिए, जो टीम पर भारी पड़े. पांचवें टी20 में टॉस जीतने के बावजूद हार्दिक ने पहले बैटिंग चुनी जबकि पिछले मैच में भारत ने इसी मैदान पर रनचेज करते हुए सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज की थी. दूसरा पंड्या ने तिलक वर्मा, यशस्वी जायसवाल जैसे पार्ट टाइम गेंदबाजों को पांचवें टी20 में गेंद थमा दी। उन्होंने कई मौकों पर खुद ही नई गेंद संभाली, जो समझ से परे था।
सीरीज में ओपनर रहे नाकामरू वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे टी20 को छोड़ दें, जिसमें शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 165 रन जोड़कर भारत को जीत दिलाई थी, भारतीय ओपनर्स ने सीरीज में निराश किया। शुभमन गिल चार मैच में फ्लॉप रहे। चौथे टी20 में गिल के अर्धशतक को छोड़ दें तो उन्होंने 4 मैच में महज 25 रन बनाए। ईशान किशन भी 2 टी20 में 33 रन बना पाए। बाकी मैच वो खेले नहीं। यशस्वी जायसवाल के चौथे टी20 में नाबाद 84 रन की पारी छोड़ दें तो वो बाकी 2 मैच में पहले ओवर में ही आउट हो गए थे।
पावरप्ले में खूब रन लुटाएरू भारत ने पांचवें और निर्णायक टी20 में पावरप्ले में खूब रन लुटाए। वेस्टइंडीज ने आखिरी मैच में 6 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 61 रन बनाए। चौथे टी20 में भी कैरेबियाई टीम ने इसी अवधि में 2 विकेट खोकर 55 रन बनाए थे। दूसरे टी20 में भी वेस्टइंडीज ने पावरप्ले में 61 रन कूटे थे। यानी अधिकतर मुकाबलों में भारतीय टीम पावरप्ले में रन रोकने में नाकाम रही।
धीमे विकेट पर बैटिंग में हुई दिक्कतरू वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज के अधिकतर मुकाबलों में विकेट धीमा था और स्पिन गेंदबाजों को विकेट से काफी मदद मिली। यही वजह रही कि एक भी मैच में 200 रन नहीं बने। धीमे विकेट पर आईपीएल के धुरंधरों को खेलने में काफी परेशानी आई. भारतीय बैटर्स खुलकर शॉट्स नहीं लगा पाए। जहां विकेट अच्छा मिला, वहीं आईपीएल के स्टार्स चमके। जैसे, चौथे टी20 में विकेट अच्छा था, जो भारतीय ओपनर्स ने पहले विकेट के लिए 165 रन जोड़े। बाकी मुकाबलों में भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए।
चहल-अक्षर रहे बेअसररू वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल और लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल छाप छोड़ने में नाकाम रहे। दोनों महंगे साबित हुए और अहम मौकों पर विकेट नहीं निकाल पाए। 5वें टी20 में तो चहल ने 4 ओवर में 51 रन लुटाए। उन्हें कोई विकेट भी नहीं मिला। चहल ने 5 मैच में 5 विकेट लिए जबकि उनका इकॉनमी रेट 9 से ऊपर रहा। वहीं, अक्षर पटेल का रोल ही समझ नहीं आया। उन्होंने कुल 11 ओवर ही गेंदबाजी की और 2 विकेट ले पाए. बल्ले से भी नाकाम रहे और 3 पारियों में 40 रन बनाए।
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