नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच जारी तनाव अभी भी खत्म नहीं हुआ। तीन साल पहले जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद ये अपने चरम पर पहुंच गया। हालांकि उसके बाद से ही दोनों देश इसे कम करने के लिए कई बार वार्ता कर चुके हैं। इसी कड़ी में आज (सोमवार) भारत और चीन के बीच 19वें राउंड की कोर कमांडर स्तर की वार्ता होगी। हालांकि, आज होने वाली इस बैठक से पहले रक्षा अधिकारियों ने दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख में सेना के जवान मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। यही नहीं भारतीय वायुसेना भी चीनी सीमा पर अपनी मजबूत स्थिति में है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, सीमा की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना इजरायली ड्रोन जैसी नई हथियार प्रणालियों को शामिल कर रही है। जिसके द्वारा मिसाइल और बमों को आसानी से ले जाया जा सकता है।
जून 2020 से दोनों देशों के बीच जारी है तनाव
बता दें कि कोरोना काल के दौरान जून 2020 से दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं हैं और तब से दोनों के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। दरअसल, तब भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच पैदा हुआ तनाव अब तक खत्म नहीं हुआ। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर मौजूद हैं। इसके साथ ही ड्रैगन लगातार अपनी तरफ सैन्य ढांचे का विकास भी कर रहा है, भारत की ओर से भी इसमें तेजी आई है। हालांकि दोनों देशों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से अपने सैनिकों को पीछे भी हटाया है।
इन मुद्दों पर ड्रैगन को घेरने की भारत करेगा कोशिश
बता दें कि इससे पहले हुई बैठक में भारत और चीन के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी हैं। लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे हैं जिन पर अभी भी तनाव बना हुआ है। सोमवार को होने वाली बैठक में शेष टकराव वाले स्थानों को लेकर वार्ता होने की उम्मीद है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 14 अगस्त को होने वाली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करेगा।
चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर होगी वार्ता
इससे पहले 23 अप्रैल को हुई सैन्य वार्ता के 18वें दौर में भारतीय पक्ष ने डेपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को निपटाने के लिए चीन पर दबाव डाला था। सूत्रों के मुताबिक, नए दौर की वार्ता भारत की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर होगी। इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह मुख्यालय वाली 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली द्वारा किया जा सकता है। वहीं चीनी दल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर द्वारा किए जाने की संभावना है।
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