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Sunday, July 23, 2023

केजीएमयू पैथालॉजी विभाग में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

लखनऊ। केजीएमयू के पैथालॉजी विभाग में चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसे कुलपति ले.ज.डॉ.विपिन पुरी के दिशानिर्देशन में कार्यशाला किया गया। जिसमें प्रबंध निदेशक डॉ.नीलिमा वर्मा द्वारा पैथालॉजी विभाग में सिक्वल आईएसओ 15189:2022 प्रशिक्षण आयोजित किया। जारी संशोधित मानक आईएसओ के अनुसार प्रयोगशाला गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रशिक्षण में जानकारी साझा की। साथ ही प्रो.वाहिद अली, प्रोफेसर और क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री,केमिकल पाथ लेबोरेटरी, पैथोलॉजी विभाग, केजीएमयू के प्रभारी संकाय ने संस्थान की ओर से सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला के दौरान केजीएमयू को एनबीएल मान्यता प्राप्त करने के बारे में अपने स्वयं के बायोकैमिस्ट्री प्रयोगशाला, सामने आने वाले अपने अनुभवों तथा चुनौतियों को साझा किया।

वहीं संस्थान के पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एवं प्रमुख प्रो यूएस सिंह ने सभी को स्वागत संबोधन के साथ जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला प्रयोगशाला पेशेवरों को अपनी प्रयोगशालाओं में अच्छी प्रयोगशाला पद्धतियों को बनाए रखने के लिए मदद मिलती है। जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालों और प्रयोगशालाओं के डॉक्टर और चिकित्सा पेशेवर अपने ज्ञान का आदान प्रदान करने तथा अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रयोगशाला गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के बारे में बताया। 
इसी क्रम में प्रयोगशाला गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों की सलाहकार डॉ. नीलिमा वर्मा ने कार्यशाला के संचालन में सभी सहयोग के लिए प्रो. यूएस सिंह और प्रोफेसर वाहिद अली का आभार जताया। उन्होंने आईएसओ 15189 के वैश्विक परिदृश्य के बारे में बताया।बता दें कि आईएलएसी अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला मान्यता निगम और आईएएफ अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन फोरम दुनिया भर में मान्यता निकायों के लिए आईएसओ 17011 मानक के अनुसार मान्यता के लिए मॉड्यूल तैयार करने के लिए मिलकर काम करते हैं। भारत में एनएबीएल एक ऐसी मान्यता संस्था है जो एलएसी के साथ एमआरए म्यूचुअल रिकॉग्निशन अरेंजमेंट पार्टनर है। और आईएसओ 15189 के अनुसार चिकित्सा प्रयोगशालाओं को मान्यता प्रदान करना।एक एनक्यूएएस बाहरी मूल्यांकनकर्ता के रूप में वह एनएचएसआरसी एमओएचएफडब्ल्यू से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि अच्छी प्रयोगशाला प्रथाओं को बनाए रखने की बहुत आवश्यकता है और सरकारी स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण की बहुत आवश्यकता है। ये प्रशिक्षण हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण को सक्षम करने में मदद करेंगे।
नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार 1.5 लाख सरकारी प्रतिष्ठानों को जीएलपी बनाए रखना चाहिए और गुणवत्ता मानकों के रखरखाव के लिए प्रमाणित किया जाना चाहिए। उनका लक्ष्य प्रतिभागियों के लिए सभी प्रशिक्षण सत्रों को इंटरैक्टिव और मनोरंजक बनाए रखना है। कार्यक्रम के प्रत्येक मॉड्यूल में छोटे और पालन करने में आसान असाइनमेंट शामिल हैं, जो प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम में प्राप्त ज्ञान को लागू करने का एक व्यापक तरीका प्रदान करते हैं। सिक्वल इन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए वास्तविक समय मूल्यांकन प्रणाली को एकीकृत करने में बाजार में अग्रणी है। वहीं प्रतिभागियों ने डॉ. नीलिमा वर्मा के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया।

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