बस्ती। मणिपुर में महिलाओें के साथ बलात्कार, उन्हें नंग घुमाकर परेड कराये जाने, कत्ले आम को लेकर आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की देर शाम को कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ के नेतृत्व में पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय से शहीदे आजम भगत सिंह प्रतिमा तक कैन्डिल मार्च निकाला। कांग्रेस नेताओं ने केन्द्र और मणिपुर सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुये मांग किया कि मणिपुर में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाकर हिंसक गतिविधियोें पर रोक लगायी जाय।
शहीदे आजम भगत सिंह प्रतिमा तक कैन्डिल मार्च निकालने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि मणिपुर में कानून, संविधान नाम का कोई चीज नहीं रह गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वर्ष पूर्व ही सदन में सरकार को आगाह कर दिया था कि संभल जाइयें वरना पूर्वाेत्तर की समस्या बढ जायेगी किन्तु केन्द्र की मोदी सरकार मौन रही। यदि केन्द्र की सरकार ने राहुल गांधी जी के सुझाव को मान लिया होता तो पूर्वाेत्तर को अराजक होने से बचाया जा सकता था। मांग किया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू किया जाय।
कांग्रेस कार्यालय से शहीदे आजम भगत सिंह प्रतिमा तक कैन्डिल मार्च निकालने वालों में मुख्य रूप से विश्वनाथ चौधरी, मो. रफीक खां, कौशल कुमार त्रिपाठी, शौकत अली ‘नन्हू’ सुरेन्द्र मिश्र, ज्योति पाण्डेय, राकेश पाण्डेय गांधियन, आदित्य त्रिपाठी, महेन्द्र श्रीवास्तव, नीलम चतुर्वेदी, मंजू पाण्डेय, गंगा प्रसाद मिश्र, अलीम अख्तर, अवधेश सिंह, साधू शरन आर्य, अतीउल्ला सिद्दीकी, राम बचन भारती, राजेन्द्र कुमार चौबे, गुड्डू सोनकर के साथ ही अनेक कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
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