औरैया। श्रावण मास के पहले सोमवार को लेकर पंचनद धाम के शिवालयों पर भीड़ को नियंत्रित करने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। यहां के प्राचीन भारेश्वर और कालेश्वर धामों पर पूरे महीने चलने वाले मेले को लेकर जनसमूह में अपार उत्साह बना हुआ है।जनपद की बीहड़ी सीमा यमुना और चंबल के संगम तट पर स्थित भारेश्वर महाराज के दर्शनों को शिवभक्तों की लंबी कतारें और उठते बम बम भोले की गूंज पूरे इलाके को शिवमय कर देती है। मान्यता है कि यहां शिव जी के विशाल लिंग को बलशाली भीम ने स्वयं यमुना से उठाकर ऊंचे टीले पर स्थापना की थी। बाद में बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण एक मारवाड़ी व्यापारी ने करवाया था। वहीं निकट ही सिंध, पहुज,क्वारी सहित यमुना ,चंबल के संगम तट पर स्थित कालेश्वर धाम पर भी कई जनपदों से श्रद्धालुओं का तांता पूरे महीने लगा रहता है ।डकैतों के खात्मे के बाद से यहां शिवभक्तों का हुजूम कई गुना बढ़ा है।पौराणिक मान्यता है कि यहां श्रावण मास में भगवान शिव के दर्शन मात्र से अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है तो मुंहमांगी मुराद पूरी भी होती है। बताया गया है कि यहां स्वयं ब्रह्मा जी ने प्रकट होकर पंचनद की जलधारा में अमृत वर्षा अपने कमंडल से की थी। यहां के इतिहास से और भी कहानियां जुड़ी हैं मगर सारे प्रसंगों में यहां की सरजमी को तपोभूमि और शीघ्र फलदायी बताया गया है।
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