बस्ती। समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने हर्रैया तहसील के भ्रष्ट मुंशियों के विरुद्ध उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए उनके निष्कासन की मांग किया। बताया कि प्राइवेट मुंशीयों में भ्रष्टाचार इस कदर कायम है कि बिना पैसा दिये समय से काम नहीं करा सकते । तहसील के मुंशी राममणि, पिंकू व छोटेलाल से मैं खुद तंग आ चुका हूं। उन्होंने बताया कि पहले तो हम फरियादियों को जल्दी न्याय नहीं मिलता किसी तरह मिल भी जाय तो आदेश का नकल बिना मुंशी को भेंट चढ़ायें नही मिल पाता जनता के दर्द का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि प्रायः जिले के ज्वलंत मुद्दों को लेकर संघर्ष कर आम जनता को मैं न्याय दिलाता हूं किन्तु खुद महीनों से तहसील का चक्कर लगा रहा हूं । बताया कि 20/04/2018 को लिए गये रजिस्टर्ड बैनामे के विरुद्ध दाखिल आपत्ति में पहले तारीख पर तारीख मिलता रहा न्याय नहीं मिला तो उन्होने सहरायें की जमीन हेतु हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया फलतः हाईकोर्ट के निर्देश पर 25/03/ 2023 को न्याय मिला किन्तु खतौनी तहसील के मुंशी छोटेलाल, राममणि व पिंकू की हीलाहवाली के चलते नहीं मिला जिसको लेकर किये गये शिकायत पर नायब तहसीलदार सदर के फटकार के बाद भी 07/06/2023 को त्रुटिपूर्ण खतौनी जारी हुआ । कारण रिश्वत न पाने से खार खाये मुंशी जो कि बाबू का भी काम देखते हैं खतौनी में बैनामे की तिथि 20/04/2018की जगह 23/10/ 2017 दर्ज कर दिये जिसपर पुनः प्रार्थना पत्र पर संशोधन करते हुए नायब तहसीलदार हर्रैया सदर ने 19/06/2023को संशोधन आदेश पारित किया फलतः सही खतौनी तो मिली किन्तु आज तक आदेश व आपत्ति की नकल नहीं मिला। चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने बताया कि उक्त आदेश हेतु नकल बाबू प्रभूनाथ भी कई बार नकल जारी करने हेतु फाईल लेने गये तो एक मुंशी ने दूसरे के पास बताकर मामला टाल दिया। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि यदि फाइल तहसील में है तो उसकी नकल आज तक क्यों नहीं यदि फाइल नहीं है तो किस नियम अधिकार या किसके आदेश से फाइल मुंशी लेकर गायब रहते हैं। कहीं अधिकारी व बाबू मुंशी के जरिए अपनी जेब तो नहीं भर रहे हैं यदि नहीं तो ऐसे भ्रष्ट मुंशी से त्रस्त तहसील की जनता को न्याय दिलाने हेतु निष्कासन की कार्यवाही क्यों नहीं हो रहा है। क्या प्राइवेट मुंशी रखने का कोई नियम है तो ये किसके अधीन काम करते हैं इनके न्यायिक कार्य में अवरोधक व लूट पर नियन्त्रण कौन करेगा।
श्री पाण्डेय ने मांग किया कि आदेश व आपत्ति की नकल शीघ्र दिलाने के साथ साथ न्यायिक कार्य में अवरोधक ऐसे भ्रष्ट मुंशियों पर कठोर कार्यवाही करते हुए तत्काल निष्कासित किया जाय अन्यथा की दशा में वे 28 जुलाई से उपजिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख बेमियादी धरने पर बैठेंगे।
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