<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Wednesday, July 26, 2023

ज्ञानवापी के सर्वे पर लगी रोक को कोर्ट ने गुरुवार तक बढ़ाया (लीड-1)

प्रयागराज। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार तक के लिए बढ़ा दिया है।

मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराये जाने के मामले में दाखिल अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए एएसआई के वैज्ञानिक को बुधवार को 4.30 बजे तलब किया था। एएसआई की ओर से वैज्ञानिक आलोक त्रिपाठी कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जीपीआर विधि और फोटोग्राफी विधि से कैसे सर्वेक्षण होगा। साथ ही एएसआई वैज्ञानिकों ने बताया कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण से मूल ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा।
इस बीच कोर्ट ने एएसआई से पूछा कितना सर्वे हो चुका है? सर्वे कब तक पूरा कर लेंगे? इस पर एएसआई ने कहा अगर अनुमति मिली तो 31 जुलाई तक सर्वे पूरा हो जाएगा। सुनवाई के दौरान, शाम पांच बजे के बाद अदालत ने कहा कि चूंकि सुनवाई का समय पूरा हो गया है, इसलिए आगे की सुनवाई बुधवार को की जाएगी, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि एएसआई को सर्वक्षण शुरू करना है। एएसआई के अधिकारी ने बताया कि एएसआई की टीम विवादित परिसर में नहीं है और अदालत के आदेश के बगैर सर्वेक्षण का कोई काम नहीं किया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की अपील पर बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे सुनवाई शुरू की जो दोपहर साढ़े बारह बजे तक चली और दोपहर के भोजनावकाश के बाद सुनवाई फिर शाम साढ़े चार बजे से शुरू होकर पांच बजे तक चली।
मस्जिद कमेटी के वकील ने दलील दी कि 21 जुलाई को आदेश पारित करते समय वाराणसी की अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंच गई कि सर्वेक्षण रिपोर्ट की अनुपस्थिति में मुद्दे को हल नहीं किया जा सकता, लेकिन अदालत ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उसके समक्ष रखी गई सामग्रियों पर चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा कि निचली अदालत को सबसे पहले पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही करनी चाहिए थी, लेकिन संपूर्ण शिकायत में इस तरह के साक्ष्य का कोई जिक्र नहीं है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई के सर्वेक्षण से ढांचे को किसी तरह का नुकसान होने नहीं जा रहा।
इससे पूर्व मस्जिद पक्ष के वकील ने आशंका जाहिर की थी कि सर्वेक्षण और खुदाई से ढांचे को नुकसान पहुंचेगा। मुस्लिम पक्षकार का आरोप है कि निचली अदालत ने वैज्ञानिक सर्वे का कोई तार्किक कारण अपने आदेश में अंकित नहीं किया है। निचली अदालत ने अपने आदेश में उन परिस्थितियों का उल्लेख भी नहीं किया, जिसमें वैज्ञानिक सर्वे अनिवार्य है। मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और इंतजामिया कमेटी के बीच कोई विवाद नहीं है तो वादिनी को वाद दाखिल करने का कोई विधिक अधिकार नहीं।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages