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Monday, May 1, 2023

श्रमिकों को मिले उनके परिश्रम का हकः गोष्ठी में विमर्श

बस्ती। विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर सोमवार को प्रेमचन्द साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान अध्यक्ष सत्येन्द्रनाथ मतवाला के संयोजन में  कलेक्टेªट परिसर में  गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि भारत सहित विश्व स्तर पर मजदूर लगातार मजबूर होता जा रहा है।


गोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ चिकित्सक डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि  काम के 8 घंटे तय किये जाने को लेकर अमेरिका से जो संघर्ष शुरू हुआ वह सिलसिला अभी तक जारी है। कहा कि जिस दिन देश के मजदूर शिकागो के अमर शहीदों के बलिदान को आत्मसात कर लेंगे दुनियां से मजदूरों पर होने वाले जुल्म, अत्याचार समाप्त होने लगेगा।

अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ मतवाला ने दुनियां में आ रहे बदलाव, पंूंजीपतियों द्वारा शोषण, श्रमिक कानूनों पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि भारत के श्रमिक सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।  एकजुटता से ही श्रमिकों की समस्या का समुचित हल हो सकेगा। जब तक श्रमिक वर्ग आपस में बिखरा रहेगा समस्याओं का हल निकलना संभव नहीं है। आज सबसे बड़ी जरूरत एकजुटता को मजबूत करने की है। गोष्ठी को श्याम प्रकाश शर्मा, बी.के. मिश्र, डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ओम प्रकाशनाथ मिश्र, बटुकनाथ शुक्ल, विनय कुमार श्रीवास्तव, राजेन्द्र सिंह, प्रदीप श्रीवास्तव आदि ने कहा कि सरकार और मालिकानों की भूमिका श्रमिकों के प्रति संवेदनहीन  बनी हुई है। नये श्रम कानूनों ने श्रमिकों का संकट बढा दिया है। संविदा की नौकरियां युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ है। इसे बंद किया जाना चाहिये।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सामईन फारूकी, दीनानाथ यादव, विनय चौधरी, राजेन्द्र प्रसाद बरनवाल, राहुल यादव, जगदीश प्रसाद चौधरी, विनय मौर्य आदि उपस्थित रहे। 

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