बस्ती। गुरूवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं संस्थापक सदस्य, पूर्व एम.एल.सी. वी. एन. सिंह को उनके 24 वीं पुण्यतिथि पर याद किया गया।
परिषद के जिलाध्यक्ष मस्तराम वर्मा ने कलेक्टेªट परिसर स्थित कर्मचारी संघ भवन में वीएन सिंह कर्मचारियों के पुरोधा थे, यदि आज वे जीवित होते तो कर्मचारी पुरानी पेंशन हासिल कर चुके होते। वे आखिरी सांस तक कर्मचारी हितों के लिये संघर्ष करते रहे। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक राम अधार पाल और मंत्री तौलू प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों को वीएन सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिये कि उन्होने घोर संकटों का सामना करते हुये भी सरकारों को मांगो को मनवाने के लिये बाध्य कर दिया। बताया कि आगामी 21 मई को पुरानी पेंशन नीति बहाली की मांग को लेकर नलकूप कालोनी से सायं 6 बजे मशाल जुलूस निकाला जायेगा जो जिलाधिकारी कार्यालय तक पद यात्रा के रूप में पहुंचेगा।
कोषागार कर्मचारी संघ अध्यक्ष अखिलेश पाठक, दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष अशोक सिंह, सिंचाई संघ अध्यक्ष सुभाष मिश्रा, ग्राम विकास अधिकारी संघ के मण्डल अध्यक्ष राकेश पाण्डेय, सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष अजय आर्य, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मण्डल मंत्री ई. राजेश श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव, पेंशनर्स संघ अध्यक्ष जलालुद्दीन कुरेशी, वन विभाग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामनेवास भारती आदि ने वी. एन. सिंह के चित्र पर माल्यार्पण करते हुये कहा कि यदि आज वे जीवित होते तो पुरानी पेंशन के साथ ही उत्पीड़न के अनेक मामलो का समाधान हो गया होता। वे आखिरी सांस तक कर्मचारी हितों के लिये संघर्ष करते रहे। उनके पद चिन्हों का अनुसरण करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कलेक्टेªट परिसर स्थित कर्मचारी संघ भवन में वी.एन. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से सेवा निवृत्त कर्मचारी एसोसिएशन के संयोजक परमात्मा प्रसाद, ट्यूबेल टेक्निकल एसोसिएशन के मंत्री संतोष राव, जगन्नाथ मौर्य, संजय यादव, शिव प्रताप सिंह, उमेश वर्मा, मो. कलीम, अवधेश कुमार, जानकी राव, रूद्रनरायन रूदल, संजीव कुमार, सुरेश गौड़, सन्तोष पाण्डेय राकेश मिश्रा, शिवमंगल पाण्डेय, अविनाश दूबे, अश्विनी सिंह, अर्जुन कुमार, रविन्द्र सिंह, गौतम यादव, अशोक पाण्डेय, बलराम गुप्ता, राजेश कुमार के साथ ही विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी, कर्मचारी शामिल रहे। अंत में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें याद किया गया।
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