संतकबीर नगर। आम जन को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए जिले में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिला अस्पताल के साथ ही सात सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 146 स्वास्थ्य उपकेन्द्र व आयुष्मान भारत केन्द्र स्थापित हैं। यही नहीं इंसेंटिव केयर यूनिट, पिडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट और डायलिसिस यूनिट के साथ ही वेंटीलेटर की भी व्यवस्था जनपद में उपलब्ध है। गंभीर रोगियों को उच्च स्वास्थ्य इकाइयों में स्थानान्तरित करने के लिए लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की सुविधा के साथ ही स्वास्थ्य इकाइयों में प्रशिक्षित चिकित्सक भी तैनात हैं। जनता इन सुविधाओं का लाभ उठाए ।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि जिले में मातृ व शिशु मृत्युदर को रोकने के साथ ही गंभीर बच्चों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए पिडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट की स्थापना तो की ही गयी है, जिला अस्पताल में 100 बेड का मातृ शिशु स्वास्थ्य विंग भी स्थापित है। किडनी के रोगियों के लिए डायलिसिस की सुविधा का 10 बेड का एक केन्द्र स्थापित है जहां पर 68 रोगियों को सरकारी प्रावधानों के तहत डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जाती है व जेई व एईएस के रोगियों के लिए भी मिनी पीआईसीयू की सुविधा जिले के मेंहदावल, खलीलाबाद व हैसर बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर है। कोविड के रोगियों के लिए 32 बेड का कोविड सेंटर बनकर तैयार है। जिले में विभिन्न रोगों के एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक के विशेषज्ञ चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी व फ्रंटलाइन वर्कर्स भी मौजूद हैं। इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के जरिए पात्र लोगों को लाभान्वित भी किया जाता है।
जिले में विभिन्न योजनाओं की प्रगति
- आयुष्मान भारत योजना : जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों को प्रति लाभार्थी परिवार 5 लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। इसके तहत कुल 113483 परिवारों के 247563 सदस्यों के कार्ड बनवाए जा चुके हैं। जिले के कुल 26 निजी व सरकारी अस्पतालों में इसके जरिए इलाज की सुविधा मिल रही है। जिले के कुल 27679 लोगों का इस योजना के तहत इलाज हो चुका है। इनमें से 14355 का जिले के तथा 13544 का जिले के बाहर के अस्पतालों में इलाज हो चुका है।
- जननी सुरक्षा योजना : वित्तीय वर्ष 2022-23 में जननी सुरक्षा योजना के तहत 23718 गर्भवती का प्रसव कराया जा चुका है। वहीं 21114 को योजना के तहत प्रति महिला 1400 रुपए भी प्रदान किए जा चुके हैं। शेष के खाते में धनराशि भेजी जा रही है।
- राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान : इस अभियान के तहत कुल 2230 संभावित क्षय रोगियों के बलगम की जांच की गयी। सभी की एचआईवी व एमडीआर जांच कराई गयी। इनमें 192 सामान्य तथा 14 में एमडीआर ( मास ड्रग रजिस्टेंस ) धनात्मक टीबी मिली। । वर्तमान में जिले में 93 क्षय रोगी एमडीआर टीबी से ग्रसित हैं जिनका इलाज चल रहा है।
- राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम : राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत जिले में 2764 लोगों के मोतियाबिन्द का आपरेशन कराया गया। वहीं 1718 बच्चों को तथा 859 बुजुर्गों को मुफ्त में चश्मे का वितरण किया गया ।
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