- 1349 महिलाओं की गत वित्तीय वर्ष में की है नसबन्दी
- महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए भी करते हैं प्रेरित
संतकबीरनगर। गर्भवती व प्रसूता महिलाओं को वह उचित परामर्श देते हैं। उन्हें परिवार नियोजन के प्रति प्रेरित भी करते हैं। इतना ही नहीं वह खुद महिला नसबंदी भी करते हैं। वित्तीय वर्ष 2022- 23 में उन्होंने 1349 महिलाओं की नसबंदी की थी और वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी उनका महिला नसबंदी का कार्य निरन्तर चल रहा है।
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डॉ सीता राम कन्नौजिया |
हम बात कर रहे हैं जिला अस्पताल के स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ सीताराम कन्नौजिया की, जो परिवार नियोजन के कार्यों को निरन्तर गति दे रहे हैं। महिलाएं अधिकतर महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ से ही परामर्श लेना पसंद करती हैं। लेकिन डॉ कन्नौजिया का व्यवहार इस प्रकार का है कि महिलाएं उनसे अपनी हर तरह की बातों को साझा करती हैं। वह उनकी समस्याओं का उचित निदान करते हैं। बेहतर परामर्श देते हैं। जब भी कोई महिला अपनी समस्या लेकर उनके पास आती है तो वह उसे गंभीरता से लेते हैं। उसकी हर संभव सहायता करते है। वह महिलाओं को दो बच्चों में अन्तर रखने के लिए भी प्रेरित करते हैं। इसके लिए वह परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों की सलाह देना भी नहीं भूलते हैं। अगर महिला का परिवार पूरा हो जाता है तो वह उसे इस बात के लिए जरुर प्रेरित करते हैं कि महिला नसबंदी के स्थायी साधनअपनाएं। जब कोई आशा कार्यकर्ता किसी महिला के साथ आती है तो वह आशा कार्यकर्ता की भी जानकारी बढ़ाते हैं। उन्हें महिलाओं की गर्भावस्था के बारे में विशेष रुप से बताते हैं तथा पोषण के आवश्यक घटकों के बारे में भी बताते हैं। खलीलाबाद के बनियाबारी की आशा कार्यकर्ता सुनीता बताती हैं कि डॉ कन्नौजिया के पास जब भी वह किसी गर्भवती को लेकर जाती हैं तो वह जब महिला को चेकअप के लिए ले जाते हैं तो मुझे साथ में जरुर ले जाते हैं तथा महिलाओं की गर्भावस्था के बारे में जरुर बताते हैं। मैने अपने यहां की तीन महिलाओं की नसबंदी उनके द्वारा ही कराई है। सभी की नसबंदी सफल रही। उनके पोषण के लिए आवश्यक जानकारी भी देते हैं, जिसेमैं निरन्तर महिलाओंको भी बताती रहती हूं। मगहर की 26 वर्षीया अंजू बताती हैं कि दो वर्ष पहले जब मेरा पहला बच्चा पैदा हुआ था तो उसे जन्मजात हृदय रोग था। इसके बाद डॉ कन्नौजिया ने मुझे अगला गर्भधारण करने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि बच्चा कम से कम तीन साल का हो जाए तभी गर्भधारण करना। यह भी बताया कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने तक फोलिक एसिड न लेने से ही जन्मजात विकृतियां होती हैं। मेरे बच्चे के हृदय का आपरेशन भी हो गया है। जब वह तीन साल का हो जाएगा तभी गर्भधारण करुंगी। वर्तमान में मैं उनके ही निर्देश पर गर्भ निरोध के अस्थायी साधन का प्रयोग कर रही हूं।
- मातृ मृत्यु को रोकना एक बड़ी चुनौती : डॉ कन्नौजिया
डॉ एस आर कन्नौजिया बताते हैं कि वह 2010 से महिला नसबंदी कर रहे हैं। वह बताते है कि स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ होने के कारण मातृ मृत्यु को रोकना उनकी सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए महिलाओं के साथ ही आशा कार्यकर्ताओं तथा स्टाफ नर्स को नियमित प्रशिक्षित करते रहते है । अभी तक उनसेकोई गलती नहीं हुई जिसके चलते मातृ मृत्यु की स्थिति आई हो। कोविड काल को छोड़कर हर साल 1500 से 2000 के बीच महिला नसबंदी की है। पिछले वित्तीय वर्ष में 1349 महिला नसबंदी की। साथ ही इस साल भी छह नसबंदी की जा चुकी है। आजतक एक भी महिला नसबंदी फेल नहीं हुई है, यह भी एक रिकार्ड है।
- महिला नसबंदी से पहले जरुर दें यह ध्यान
नसबन्दी करने वाले चिकित्सक डॉ सीता राम कन्नौजिया बताते हैं कि महिला नसबन्दी परिवार नियोजन का स्थायी साधन है। अगर महिला के दो बच्चे या एक बच्चा हो और उसे लग रहा है कि उसका परिवार पूरा हो गया हो तब वह महिला नसबन्दी का स्थायी साधन अपना सकती है। महिला विवाहित होनी चाहिए। उम्र की कोई बाध्यता नहीं है, नसबन्दी किसी भी समय की जा सकती है। एक बच्चें की स्थिति में महिला का बच्चा कम से कम पांच साल का हो तथा दो बच्चे की स्थिति में पहले बच्चे की उम्र कम से कम 5 साल तथा दूसरे की उम्र दो से तीन साल के बीच हो, उसी स्थिति में नसबंदी की जा सकती है।
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