इस्लामाबाद। पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, एक कट्टर उग्रवादी और प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बलूच नेशनल आर्मी (बीएनए) के संस्थापक को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया है। सेना ने देश के खिलाफ शत्रुतापूर्ण खुफिया एजेंसियों के संदिग्ध लिंक के साथ उच्च मूल्य लक्ष्य के रूप में उसे वर्णित किया है।
डॉन न्यूज ने आईएसपीआर के हवाले से शुक्रवार को एक बयान में कहा, गुलजार इमाम उर्फ शाम्बे को महीनों तक चले एक अनोखे, सावधानीपूर्वक नियोजित और निष्पादित ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, बयान में उस स्थान का खुलासा नहीं किया गया जहां आतंकवादी को पकड़ा गया।
डॉन की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हाई-प्रोफाइल राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के दिन ही आतंकवादी को पकड़ा गया।
आईएसपीआर के बयान के अनुसार, इमाम को एक हाई प्रोफाइल और सफल खुफिया ऑपरेशन में पकड़ा गया।
सेना ने कहा कि पकड़ा गया शख्स एक कट्टर आतंकवादी है, साथ ही प्रतिबंधित बीएनए संगठन का संस्थापक और नेता है जिसे बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए) और यूनाइटेड बलूच आर्मी (यूबीए) के विलय के बाद बनाया गया था।
इसमें कहा गया है कि बीएनए ने पंजगुर और नोशकी में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिष्ठानों को लक्षित करने सहित देश में कई हिंसक आतंकवादी हमले किए हैं।
इमाम 2018 तक बीआरए में ब्रह्मदाग बुगती के डिप्टी के रूप में भी रहे।
आईएसपीआर के बयान में कहा गया है कि पकड़ा गया आतंकवादी बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) बनाने में महत्वपूर्ण था और इसके परिचालन प्रमुख के रूप में कार्य करता था।
उनकी अफगानिस्तान और भारत की यात्राएं भी रिकॉर्ड में हैं, जबकि शत्रुतापूर्ण खुफिया एजेंसियों के साथ उनके संबंधों की जांच की जा रही है।
डॉन की खबर के मुताबिक, इसमें आगे कहा गया है कि शत्रुतापूर्ण एजेंसियों ने पाकिस्तान और उसके राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करने के लिए आतंकवादी का फायदा उठाने की भी कोशिश की।
बयान में कहा गया है, गुलजार इमाम की गिरफ्तारी बीएनए के साथ-साथ अन्य उग्रवादी समूहों के लिए एक गंभीर झटका है, जो बलूचिस्तान में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।
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