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Sunday, April 23, 2023

जयंती पर भगवान परशुराम का विधि विधान से पूजन

- भगवान परशुराम पराक्रम के प्रतीक : दिनेश दूबे

- परशुराम समस्त सनातन जगत के आराध्य : हरीश द्विवेदी

बस्ती। रविवार को शिव हर्ष किसान पी.जी. कालेज के निकट स्थित एक मैरेज हाल में  भगवान परशुरामजी जयंती श्रद्धा के साथ मनाया गया। अच्चितानन्द मिश्र के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में विधि विधान से श्री परशुराम जी का पूजन अर्चन हुआ। इसके बाद मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री दिनेश दूबे ने कहा कि श्रीविष्णु अवतार भगवान परशुराम पराक्रम के प्रतीक माने जाते हैं। वह अपने माता-पिता के परम आज्ञाकारी पुत्र थे। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी। इतना ही नहीं इनकी गिनती तो महर्षि वेदव्यास, अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, ऋषि मार्कंडेय सहित उन आठ अमर विभूतियों में होती है जिन्हें कालांतर तक अमर माना जाता है। उनके पिता का नाम जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था।


केन्द्रीय राज्य मंत्री दिनेश दूबे ने कहा कि ब्राम्हण समाज समाज के उत्थान के लिये विभिन्न रूपों में सदियों से सक्रिय है। ब्राम्हण जाति न होकर एक दायित्व और कर्तव्य है। कहा कि युवा पीढी को महापुरूषों से प्रेरणा लेनी चाहिये।

विशिट अतिथि सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि देवों के पूजनीय, सम्पूर्ण तेज से युक्त, योगेश्वर, सभी के पाप, ताप, सन्ताप, रोग का हरण करने वाले सुन्दर शोभनीय स्वरूप वाले शत्रुओं के संहारक परशुराम समस्त सनातन जगत के आराध्य हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल ने कहा कि धर्म से द्वेष करने वाले अन्यायियों का दमन करने के लिए तथा जगत की रक्षा के लिए भगवान परशुराम जी ने परशु धारण किया। भगवान परशुराम जी सनातन मर्यादा के रक्षक हैं। कार्यक्रम में पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, राजेन्द्रनाथ तिवारी, जगदीश शुक्ल, राकेश मिश्र, सुरेन्द्र तिवारी, दिलीप पाण्डेय, दिवाकर मिश्र, विपिन शुक्ल, रजनीश राय, सच्दिानन्द मिश्र आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि भगवान परशुराम जी ने भीष्म, द्रोण तथा कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की। वे न्याय के प्रतीक है।

अच्चितानन्द मिश्र ने अतिथियों और उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुये कहा कि गुरू वशिष्ठ की धरती पर भगवान परशुराम जी को स्मरण करना दिव्य अनुभूति है। कहा कि परशुराम जी का फरसा अनीति, अहंकार को समाप्त करने का प्रतीक है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामकुमार तिवारी, शुभम मिश्र, राघवेन्द्र पाण्डेय, शुभम पाठक, श्रवण पाण्डेय, अमन पाण्डेय, प्रशान्त मिश्र, राम बाबू पाण्डेय, सचिन दूबे, अर्जुन मिश्र, अंकित शुक्ल बंटी, अभिषेक मिश्रा, अंकित पाण्डेय, अतुल मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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