प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण केस में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद माफिया अतीक अहमद के परिवार को एक और बड़ा झटका लगेगा। मायावती की पार्टी बीएसपी अब अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को मेयर प्रत्याशी नहीं बनाएगी। प्रयागराज मेयर का चुनाव लड़ने के इरादे से 5 जनवरी 2023 को शाइस्ता परवीन ने बीएसपी ज्वाइन की थी। शाइस्ता परवीन ने अपने बेटे असद के साथ सरदार पटेल संस्थान में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बसपा ज्वाइन की थी। बसपा नेताओं ने कार्यकर्ता सम्मेलन में मेयर पद के लिए शाइस्ता परवीन को बसपा की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने के संकेत दिए थे। लेकिन आरक्षण को लेकर निकाय चुनाव चल जाने के चलते बसपा नेताओं ने शाइस्ता परवीन को प्रत्याशी घोषित नहीं किया था। इसके बावजूद शाइस्ता परवीन ने अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था।
शाइस्ता परवीन ने शुरू किया था प्रचार
शाइस्ता परवीन ने शहर के तमाम इलाक़ों में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था, लेकिन 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से शाइस्ता परवीन फरार हो गयी। फिलहाल शाइस्ता परवीन के परिवार का कोई भी सदस्य घर पर नहीं है। इसके साथ ही शाइस्ता परवीन का घर भी जमींदोज किया जा चुका है। इसके अलावा शाइस्ता के पति माफिया अतीक अहमद साबरमती जेल में बंद हैं, जबकि दो बेटे नैनी और लखनऊ जेल में बंद हैं। इसके अलावा असद फरार चल रहा है और दो नाबालिग बेटे बाल संरक्षण गृह में रखे गए हैं. ऐसे हालात में शाइस्ता परवीन मेयर का चुनाव लड़ पाना मुश्किल दिख रहा है। जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में फिलहाल कानूनी दांव पेंच में फंसी रहेंगी और उनका चुनाव लड़ पाना मुश्किल है। बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक गौतम ने फोन पर बताया है कि 3 अप्रैल को प्रयागराज में पार्टी नेताओं की बैठक होने वाली है। उसी बैठक में मेयर के उम्मीदवार को लेकर चर्चा और फैसला होगा।
No comments:
Post a Comment