<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Thursday, March 23, 2023

विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर छात्रों के बीच चलाया जागरूकता अभियान, दिया जानकारी

जागरूकता से संभव है क्षय रोग का पूर्ण इलाज- डा. एके. मिश्र

बस्ती। विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर गुरूवार को डा. वी.के. वर्मा इस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइस बसुआपार के छात्रों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। जिला क्षय रोग  अधिकारी डा. एके. मिश्र ने कहा कि क्षय रोग, तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) फेफड़ों का एक गंभीर संक्रमण है जो एक जीवाणु के कारण होता है। जो खांसने या छींकने पर हवा में छोड़ी गई छोटी बूंदों से फैलता है। हर साल हम टीबी के विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को तेज करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस मनाते हैं।


उन्होने छात्रों को बताया कि क्षय रोग उन्मूलन के लिये प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही है। इसका लाभ उठाकर क्षय रोगी पूर्ण स्वस्थ हो रहे हैं।
जागरूकता अभियान में डा. सैय्यद मोईन अख्तर, संदीप कुमार श्रीवास्तव, देवेन्द्र प्रताप ने कहा कि टीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक हत्यारों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एचओ) के मुताबिक हर दिन, 4100 से अधिक लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और करीब 28,000 लोग इस रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी से बीमार पड़ते हैं।
छात्रों को बताया कि टीबी से निपटने के वैश्विक प्रयासों ने वर्ष 2000 से अनुमानित 6.6 करोड़ लोगों की जान बचाई है। हालांकि, कोविड-19 महामारी ने टीबी को समाप्त करने की लड़ाई में की गई प्रगति को उलट दिया है। एक दशक से अधिक समय में पहली बार, 2020 में टीबी से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है। ऐसे में जागरूकता और सतर्कता की आवश्कयता है।

डा. वी.के. वर्मा इस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइस के डा. पवन गुप्ता, अंशिका गुप्ता, भूपेन्द्र वर्मा, घनश्याम यादव, ओम प्रकाश चौटाला, आकाश मौर्या, श्रीमती नीलम सिंह,  विनोद कुमार ने बताया कि क्षय रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक तपेदिक लगभग 30 लाख साल पुराना है और विभिन्न सभ्यताओं में इसके अलग-अलग नाम थे। क्षय रोग का अब पूरी तरह से उपचार किया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और महत्वपूर्ण प्रश्न भी किये। 

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages