- विश्व क्षय रोग दिवस पर निकाली गयी जनजागरूकता रैली
- डीटीओ ने टीबी उन्मूलन में सामुदायिक सहयोग की अपील की
संतकबीरनगर। टीबी मरीजों को ढूंढने और उनका इलाज करवा कर स्वस्थ बनाने में कोई भी व्यक्ति मददगार हो सकता है। इसके लिए प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान है। अगर कोई गैर सरकारी व्यक्ति नये टीबी मरीज की सूचना देता है और जांच के बाद टीबी की पुष्टि होती है तो ऐसे सूचनादाता को 500 रुपये देने का प्रावधान है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर दी। इससे पहले भाजपा के जिलाध्यक्ष जगदंबा लाल श्रीवास्तव और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ एस डी ओझा ने जनजागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया और टीबी उन्मूलन में सामुदायिक सहयोग की अपील की।
डीटीओ ने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी का उन्मूलन तभी संभव है जबकि सरकारी प्रयासों के साथ गैर सरकारी प्रयास भी जुड़ जाएं। यही वजह है कि अगर कोई निजी चिकित्सक भी नये टीबी मरीज को खोज कर सिस्टम से जोड़ता है तो उसे सूचनादाता के तौर पर 500 रुपये दिये जाते हैं । ऐसे मरीज का इलाज पूरा होने जाने पर चिकित्सक को 500 रुपये और भी दिये जाते हैं । इसके अलावा टीबी मरीज को दवा खिलाने वाले ट्रिटमेंट सपोर्टर को भी मरीज के ठीक होने पर 1000 रुपये देने का प्रावधान है। अगर ट्रिटमेंट सपोर्टर ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी के मरीज को दवा खिलाता है और मरीज ठीक हो जाता है तो 5000 रुपये देने का प्रावधान है। ट्रिटमेंट सपोर्टर की भूमिका आशा कार्यकर्ता के अलावा कोई गैर सरकारी व्यक्ति भी निभा सकता है। जिले में जनवरी 2022 से लेकर मार्च 2023 तक 110 ट्रिटमेंट सपोर्टर ने टीबी मरीजों को दवा खिलाया। इस वर्ष विश्व क्षय रोग दिवस की थीम है-हां, हम टीबी को हरा सकते हैं। इस थीम का अनुसरण कर टीबी उन्मूलन में सभी को सहभागी बनना है।
इस दौरान क्षय रोग के चिकित्सक डॉ विशाल यादव ने बताया कि अगर खांसी की समस्या एचआईवी ग्रसित, मधुमेह ग्रसित, शराब या धुम्रपान करने वाले, जोखिम वाले स्थान जैसे ईंट भट्ठों, धुल मिट्टी में कार्य करने वालों में दो सप्ताह से कम की भी है तो टीबी की आशंका है। ऐसे सभी लोगों को टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए । बलगम से जांच की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध है । जिले में टीबी के 43 मरीज ऐसे मिले हैं जिनमें एचआईवी की भी पुष्टि हुई है । इसी प्रकार 120 मरीज ऐसे पाए गये जिनमें टीबी के साथ साथ मधुमेह की भी समस्या मिली। जनपद में 34 एचआईवी मरीज जांच के बाद टीबी से भी ग्रसित मिले। इसलिए सहरूग्णता की स्थिति में टीबी जांच अवश्य कराना है। प्रत्येक टीबी मरीज के सहरुग्णता की जांच का भी सरकारी अस्पतालों में प्रावधान है। टीबी के अन्य लक्षणों में भूख न लगना, रात में बुखार आना, पसीने के साथ बुखार आना और तेजी से वजन घटना शामिल है । पल्मनरी टीबी सिर्फ फेफड़े में होती है और यह संक्रामक है, जबकि एक्सट्रा पल्मनरी टीबी नाखून और बाल छोड़ कर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है । टीबी मरीज के प्रत्येक निकट सम्पर्की की टीबी जांच आवश्यक है और ऐसे निकट सम्पर्की में टीबी न मिलने पर भी टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के तहत बचाव की दवा खानी है । जनवरी 2022 से मार्च 2023 तक 7430 लोगों को टीपीटी दी जा चुकी है ।
जागरुकता रैली जूनियर हाईस्कूल खलीलाबाद से निकलकर बैंक चौराहा, गोलाबाजार, मुखलिसपुर होते हुए जिला क्षय रोग कार्यालय पर पहुंची। इस रैली में क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द, सीएचआरआई के उत्कर्ष पाठक, रविशंकर शर्मा,जिला व्यायाम शिक्षक इंन्द्रेश पांडेय, प्रधानाचार्य विजयलक्षमी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र मिश्रा समेत अन्य लोग प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
- कल्पित हास्पिटल की तरफ से 60 क्षय रोगियों को पोषण पोटली दी
विश्व क्षय रोग दिवस के दौरा जिला मुख्यालय पर स्थित कल्पित हास्पिटल की संचालक तथा रोटरी क्लब की अध्यक्ष डॉ सोनी सिंह ने जिला क्षय रोग कार्यालय में उपस्थित 60 क्षय रोगियों को पोषण पोटली दिया। उन्होने कहा कि क्षय रोगियों को क्षयमुक्त करने की दिशा में वह निरन्तर कार्य करती रहेंगी। समाज को क्षय मुक्त करने की दिशा में सभी लोगों को आवश्यक सहयोग के लिए आगे आना होगा। सभी लोग इस कार्य में अपनी भागीदारी निभाएं तभी यह कार्य संभव है। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा के साथ डॉ विशाल यादव, पीपीएम समन्वयक कविता पाठक, संगीता यादव, अनिल कुमार, रामबास विश्वकर्मा, राकेश, रवि मिश्रा, आशीष व ईश्वर चन्द्र चौधरी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
- छह लक्षणों पर दें ध्यान
क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने कहा कि छह ऐसे लक्षण हैं जिन पर खासतौर से ध्यान देना है और इनके दिखने पर टीबी की जांच अवश्य करानी है । दो हफ्ते या उससे ज्यादा की खांसी, बार बार बुखार आना, वजन में लगातार कमी, भूख न लगना, रात में पसीना आना और सीने में दर्द टीबी हो सकती है। टीबी की समस्या बड़ों के साथ साथ बच्चों में भी हो सकती है। टीबी मरीज को गोद लेने वालों को निक्षय मित्र के तौर पर पंजीकृत कर उन्हें सम्मानित किया जाता है। लोगों को चाहिए कि वह स्वेच्छा से मरीज को गोद लेने के लिए आगे आएं और उन्हें पोषक सामग्री व मानसिक सम्बल प्रदान करें।
No comments:
Post a Comment