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Saturday, March 4, 2023

शिक्षकों, प्रशिक्षुओं ने पेन्टिंग कार्यशाला में सीखा विविध आयाम

बस्ती। शनिवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कला उत्सव के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा तीन दिवसीय वॉल पेंटिंग कार्यशाला का समापन हुआ। कार्यशाला में 40 प्रतिभागियों द्वारा  लोक कलाओं, संस्कृति, परंपराओं, नई शिक्षानीति 2020 व निपुण मिशन, जीवन के विविध आयामों से सम्बन्धित विषयों पर वॉल पेंटिंग बनाया गया।


कलाकृतियों को देखकर डायट प्राचार्य जितेंद्र कुमार गोंड ने बताया कि कला और संस्कृति से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। इसके माध्यम से व्यक्ति में विचारों की अभिव्यक्ति, सृजनात्मकता, रचनात्मकता, कल्पना शक्ति आदि का विकास होता हैं। यह शिक्षण कार्य को  रुचिकर एवं आनंददायक बनाता है।
कार्यशाला में परषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का 6 ग्रुप एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं के कई समूहों द्वारा वॉल पेंटिंग का कार्य कर किया गया। गोंड वॉल पेंटिंग ग्रुप की लीडर शशि वरुण ने बताया कि गोंड पेंटिंग लोक और जनजातीय कलाओं में चित्रकला का एक रूप है जो भारत में एक बड़ी जनजातियों में से एक है। गोंड आदिवासी समुदाय की संस्कृति को संरक्षित और संप्रेषित करने के लिए पारंपरिक तरीके से किया जाता है। मधुबनी पेंटिंग के लीडर मरूतिनंदन, रमेश एवं चंद्रशेखर ने बताया कि सुंदर मोर में स्वरों का सुंदर समावेश होता है और सुंदर रंग बच्चो को आकर्षित करता है। निपुण मिशन ग्रुप के लीडर राजपति और राम कमण्डल ने बताया कि हमने निपुण मिशन पेड़ के माध्यम से पढ़ना लिखना की महत्ता को दर्शाया है।  अमित कुमार सिंह और चंद्र प्रकाश ने बच्चो के लिए अल्फावेट की रेलगाड़ी का चित्रण किया। सूर्योदय दृश्य के लीडर बृजेश गुप्ता ने बताया कि सूर्योदय का दृश्य मन को अहलादित करते हुए जीवन को नई ऊर्जा से ओतप्रोत कर मन को शक्ति प्रदान करता है। सेव वाटर सेव अर्थ के लीडर अमरेंद्र सिंह ने बताया कि आज के परिवेश में जल संरक्षण को महत्ता को दर्शाया गया है। जो आज का वैश्विक स्तर पर बहुत ही ज्वलंत मुद्दा है।
कला उत्सव कार्यशाला के नोडल डायट कला प्रवक्ता डॉ गोविन्द ने बताया कि डायट परिसर में कला उत्सव की तैयारी जोरों पर है। भित्ति चित्रों पर कला की ऐसी सुंदर चित्रण से कला उत्सव माहौल का सृजन हुआ है।  कला के माध्यम से शिक्षको व विद्यार्थियों ने अपनी सृजनात्मकता एवं विचारों की अभिव्यक्ति का सुंदर परिचय दिया है। जो भविष्य में भी उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक होंगे।
डायट प्रवक्ता डॉ मृत्युंजय सिंह, वर्षा पटेल, सरिता चौधरी, अजय प्रकाश मौर्य, मो इमरान खान, वंदना चौधरी,  डॉ रिचा शुक्ला, कुलदीप चौधरी आदि ने योगदान दिया।

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