बस्ती। आज उपजिलाधिकारी हर्रैया को शपथ पत्र के जरिए सौंपे ग्यापन के जरिए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी न बताया कि हमारे गांव में पूर्व में मेरे ही खानदान के ईश्वरी पाण्डेय रहते थे जिनका कोई वैध वारिस नहीं था किन्तु उनकी सेवा व क्रिया-कर्म नरेन्द्र प्रसाद पाण्डेय व लालमणि पाण्डेय द्वारा किया गया था। ईश्वरी की मृत्यु उपरांत पांच पुस्त से अधिक होने के चलते नरेन्द्र व लालमणि को उनकी सम्पत्ति का लाभ नहीं मिला जबकि जमीन की लालच में सामने आये अन्य फर्जी दावेदारों के दावों को कैंसिल करते हुए corसम्पूर्ण सिंह ने 30/07/83को उक्त जमीन ग्रामसभा के पक्ष में दर्ज करने का आदेश दिया। समाजसेवी ने बताया कि कूटरचित साक्ष्यों के आधार पर रामप्यारे पुत्र रामसिहिट ने अपने आपको भांजा बताते हुए तत्कालीन ग्रामप्रधान का बयान कराते हुए 02/05/86को soc का फैसला अपने पक्ष में कराते हुए खतौनी अपने नाम कराकर उक्त जमीन बेचना शुरू कर दिया। तो मेरे पिता ने गांव के अन्य लोगों के सहयोग से 28/01/93 को D. D.C. के यहां से व हमने हाईकोर्ट से ईश्वरी की जमीन पुनः ग्रामसभा के पक्ष में फैसला लाते हुए खतौनी में ग्रामसभा के पक्ष में करा दिया।इसके बाद भी ईश्वरी की बीस बीघा ग्राम सभा के नाम दर्ज हो चुकी जमीन का अधिकांश हिस्सा मेरे द्वारा बार बार आप जैसे सक्षम अधिकारियों से शिकायत के बाद भी भवन निर्माण व कृषि कार्य हेतु फर्जी बैनामा धारकों द्वारा कब्जा कर लिया गया है श्री पाण्डेय ने कहा कि यदि कोर्ट के आदेश के बाद भी फर्जी बनामा धारकों का कब्जा दखल समाप्त नहीं कराया गया तो प्रार्थी 16/03/23से अमहट पुल निर्माण की तरह बेमियादी अनशन पर बैठेगा।
श्री पाण्डेय ने मांग किया कि उक्त जमीन से फर्जी कब्जा दखल समाप्त कराते हुए जमीन का प्रयोग समाजहित में सार्वजनिक उपक्रम स्थापित कराया जाये अथवा नि: शुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापना व जनहित के अन्य कार्यों हेतु मेरी रजिस्टर्ड संस्था श्यामा देवी जनकल्याण समिति को लीज पर उपलब्ध करायें उपजिलाधिकारी ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए लेखपाल सहित अन्य राजस्व कर्मियों को आज तीन बजे तक नजरी नक्शा प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए बताया कि शीघ्र उक्त जमीन को औद्योगिक प्रयोजन हेतु अधिग्रहीत कर लिया जाएगा उपजिलाधिकारी के आश्वासन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाज सेवी ने कहा कि पांच दशक के लम्बे संघर्ष के बाद अब न्याय की उम्मीद है किन्तु अब अधिक प्रतीक्षा नहीं करूंगा जमीन कब्जा मुक्त नहीं हुआ तो 16मार्च से अनशन पर बैठूंगा
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