बस्ती । देश को आजाद कराने के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले चन्द्रशेखर आजाद को उनके 90 वीं पुण्य तिथि पर नमन् किया गया। सोमवार को जिला कांग्रेस कमेटी आरटीआई प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष पवन श्रीवास्तव के संयोजन में कटरा स्थित पिण्डारी हास्पिटल के परिसर में संगोष्ठी का आयोजन कर उनके योगदान पर विमर्श किया गया।
चन्द्रशेखर आजाद के योगदान पर प्रकाश डालते हुये आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव कांग्रेस नेता महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत चन्द्रशेखर आजाद के मन में छोटी सी उम्र से ही ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों और उनकी क्रूरता के खिलाफ विद्रोह की भावना जागने लगी थी, आजादी के इस क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी ने यह प्रण लिया था कि वे कभी भी जिंदा पुलिस के हाथ नहीं लगेंगे, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ स्थित भाबरा गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, उनके पिता सीताराम तिवारी एक प्रकांड पंडित थे और उनकी माता जगरानी देवी एक गृहिणी थीं। बचपन में आजाद को चन्द्रशेखर सीताराम तिवारी के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने नाम के साथ आजाद जोड़ लिया था। कहा कि देश को आजाद कराने में चन्द्रशेखर आजाद का विशेष योगदान रहा है। नयी पीढी को ऐसे अमर सपूत से प्रेरणा लेनी चाहिये।
चन्द्रशेखर आजाद को नमन करने वालों में मुख्य रूप से सलाउद्दीन, आलोक मिश्र, अकबर हुसेन, अरविन्द सिंह, शमशाद, शैलेन्द्र सिंह, रामू श्रीवास्तव, भोला, लकी, शैलेष, राहुल, वीरेन्द्र सोनी, विजय बक्सर, महबूब आदि शामिल रहे।
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