बस्ती। भगवान शिव जी पर एक लोटा जल चढ़ा देने मात्र से ही हमारी सभी इच्छाएं, कामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके लिए आवश्यक है कि जब हम जल चढ़ाएं निष्कपट भाव से चढ़ाएं । सनातन धर्म चेतना चेरीटेबल ट्रस्ट की ओर से अमहट घाट स्थित शिवमंदिर परिसर में आयोजित 7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा व सामूहिक रूद्राभिषेक के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य महेश पाठक ने कहा कि हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि विपरीत परिस्थिति में भगवान शिव ही तुम्हारे साथ रहेंगे । भगवान शिव को जल तो चढ़ाना लेकिन छल कपट से मत चढ़ाना। मन में कपट रखकर जल मत चढ़ाना। निष्कपट भाव से, निर्मल मन से निर्मल ह्रदय से शिव जी को जल चढ़ाएं । शिव पुराण महा कथा से महिलाओं में यह भाव आ गया है कि अपन शंकर जी के और शंकर जी अपने हैं। हमें जीवन में जो कुछ मिला है वह हमारे कर्मों से मिला है। आगे भी जो कुछ मिलेगा वह अपने कर्मों से ही मिलेगा। कहा कि शिव मंदिर में जाकर वहां बिखरे पड़े सामान को हटाकर साफ सफाई करने से हमारे जीवन की गंदगी साफ हो जाती है । उन्होने कहा कि जहां पर भगवान प्रतिष्ठित रूप से बैठते हैं वह मंदिर कहलाता है और जहां शिवजी बैठते हैं वहां शिवालय कहलाता है। हर शिव मंदिर में शिव जी की प्रतिमा के सामने नंदी बैठा होता है वहां पर एक सूत्र बंधा होता है। जो कि यह साबित करता है कि हर दिन शिवजी नंदी पर सवार होकर इस मंदिर से गुजर कर जाते हैं । जो व्यक्ति बड़ा हो जाता है, धनपति बन जाता है, ऊंचे पद पर पहुंच जाता है तो उसकी रोटी और हंसी कम हो जाती है । वह व्यक्ति भोजन में कम ही रोटी खाता है और सामान्य रूप से बैठकर हंसी मजाक करने में उसे अपने पद प्रतिष्ठा की हानि महसूस होती है। जब आप बड़े पद पर पहुंचकर भगवान के मंदिर में सेवा करते हो तो हजारों लोगों को प्रेरणा देते हो।महात्मा जी ने सृष्टि का उदय, शिव विवाह, दक्ष यज्ञ के अनुष्ठान और ध्वंस आदि प्रसंगों का विस्तार से वर्णन करते हुये महात्मा जी ने कहा कि शिव भक्ति का हमेशा फल मिलता है। कैलाश पर्वत में द्वार नहीं है, बाकी सभी जगह द्वार होता है। 24 घंटे में कभी भी भगवान के मंत्र का जाप करो कोई समस्या नहीं है। शिव साधना से जीवन सफल होता है।
आयोजक राजेश कुमार मिश्र और अपूर्व शुक्ल, सिद्धार्थ शंकर मिश्र, अरूण भारती ने विधि विधान से कथा व्यास का पूजन किया। कथा स्थल पर प्रतिदिन दिन में 9 बजे से सामूहिक रूद्राभिषेक किया जा रहा है।
कथा श्रवण करने वालों में मुख्य रूप से लल्लू पाण्डेय, अपूर्व शुक्ला, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, रेखा चित्रगुप्त, संध्या दिक्षित, अर्चना श्रीवास्तव, शिवसेना जिलाध्यक्ष प्रमोद पाण्डेय, विशाल पाण्डेय, महेन्द्र सिंह, अनिल कुमार यादव, सूरज यादव, बलराम प्रजापति, विशाल मिश्रा, सौरभ बोस, विजय कुमार, विजय कन्नाजिया, आशीष, लक्ष्मी, चन्द्रावती, प्रभावती, मंजू, अंजू, शशि, ज्योति, मुराती के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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