नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस को शुक्रवार को डिजिटल तरीके से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। ये वंदे भारत सुपरफास्ट ट्रेन हर तरह की आधुनिक सुविधाएं होंगी। ये देश की सातवें वंदे भारत ट्रेन है जो हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी तक का सफर लगभग 7.5 घंटे में पूरा करेगी। हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी तक का सफर वंदे भारत ट्रेन अन्य ट्रेनों की तुलना में तीन घंटे पहले ही तय कर लेगी। इस वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच हैं। इसमें दो चालक कक्ष हैं। इसनों दो विशेष कोच भी होंगे। वहीं ट्रेन के बाकी सभी कोच सामान्य है। हर कोच में दो कतारों में कुल 78 सीटें दी गई है। इन कोच में सीटों के बीच टेबल्स भी खास तौर से तैयार किए गए है ये सभी आकर्षण का केंद्र होंगे। न्यू जलपाईगुड़ी से रवाना की गई ये ट्रेन दोपहर 2.30 बजे से रवाना होगी और रात 10 बजे कोलकाता पहुंचेगी।
गौरतलब है कि आत्म निर्भर भारत और मेक इन इंडिया के संकल्प को मजबूती देने के लिए स्वदेशी नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का काफी खास महत्व है। वंदे भारत ट्रेन ने भारतीय रेलवे को नई तस्वीर दी है। ऐसी शक्ल जिसमें वंदे भारत ट्रेन को देखना हर व्यक्ति चाहता है। आत्म निर्भर भारत और मेक इन इंडिया के संकल्प को मजबूती देने में स्वदेशी नई वंदे भारत एक्सप्रेस और वंदे भारत 2.0 का खास महत्व है। देश की पहली इंडिनलेस वंदे भारत ट्रेन का नया वर्जन 52 सेकेंड से भी कम समय में 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है। वहीं बुलेट ट्रेन 54.6 सेकेंड में ये रफ्तार पकड़ती है।
- देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को दिल्ली से वाराणसी के बीच दौड़ी थी। अब चेन्नई और मैसूर के बीच वंदे भारत ट्रेन दक्षिण भारत की पहली और देश की पांचवी स्वदेशी हाई स्पीटड ट्रेन है। देश में अगस्त 2023 तक 75 वंदेभारत ट्रेन और उसके बाद के तीन साल में 400 ट्रेन चलाने का लक्ष्य है। अपग्रेड वंदेभारत ट्रेन अधिकतम 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकती है। इसे बढ़ाकर 220 किलोमीटर प्रति घंटा ले जाने का लक्ष्य है।
- भारत में पहला रेल भांप इंजिन 1 नवंबर 1950 में चितरंजन रेल कारखाने में बना था, अब हाई स्पीड ट्रेन
का निर्माण भारत खुद कर रहा है।
- वंदेभारत एक्सप्रेस को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि पहली ट्रेन चेन्नई के एकीकृत रेल कोच
फैक्ट्री में सिर्फ 18 महीने में तैयार हुई थी।
- सेमी हाईस्पीड ट्रेन तेजस के कोच का निर्माण भी देश में ही हुआ है। पहली तेजस ट्रेन 23 मई 2017 को
मुंबई को गोवा के बीच चलाई गई थी।
- भारत ने अपना ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम श्श्कवचश्श् विकसित किया जिसे नेटवर्क से जोड़ा जा
रहा है।
- भारत अब आधुनिक रेलगाड़ियां निर्यात भी कर रहा है। रायबरेली में निर्मित रेल कोच अब निर्यात किए
जाते है।
वंदे भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रेलवे उन सेक्टरों में रहा है जिसने मेक इन इंडिया के तहत मैन्युफैक्चरिंग में बहुत प्रगति की है। रेलवे की स्थिति को बदलने, रेलवे ट्रैक को तेज चलने वाली रेलगाड़ियों के हिसाब से तैयार करने का काम किया है। वंदे भारत एक्सप्रेस उन कार्यों की ही एक झलक है।
वंदे भारत ट्रेन में हैं कई खासियतें
नई वंदे भारत ट्रेन का वजन 392 टन है। ये ट्रेन पुरानी वाली ट्रेन से काफी हल्की है, जबकि पहले वाली वंदे भारत ट्रेन का वजन 430 टन है। नई वंदे भारत ट्रेन के वातानुकूलित प्रणाली में 15 प्रतिशत कम बिजली खर्च होगी। एग्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटो की सुविधा है।
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