बस्ती। राजस्व चौपाल को गंभीरतापूर्वक आयोजित करने के लिए जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि धारा 24, धारा 67 में सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण, विवादित वरासत के मामलों में कोर्ट मौके पर जाकर निर्णय करें, नजरी नक्शा तैयार करें तथा उस पर अंतिम फैसला पारित करें। इससे विवादों को सुलझाने में आसानी होगी तथा लोगों को राहत मिलेगी।
उन्होंने निर्देश दिया है कि न्याय पंचायतवार आयोजित हो रहे राजस्व चौपाल में एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा कानूनगो लेखपालों की टीम के साथ अलग-अलग जाय तथा मामलों की सुुनवायी करें, निर्णय करने के पश्चात् तत्काल पत्थर नसब कराये। उल्लेखनीय है कि अभी तक सभी तहसीलों में दो बार राजस्व चौपाल आयोजित की गयी है। उन्होने बताया कि 6 जनवरी को सभी तहसीलों के 10 न्याय पचायंत में राजस्व चौपाल लगाकर 133 दाखिल वादों व शिकायतों व मौके पर दर्ज 55 दाखिल वादों व शिकायतों कुल 187 वादों व शिकायतों में से 136 वादों व शिकायतों का निस्तारण किया गया, जिसमें तहसील बस्ती में 12, हर्रैया में 79, भानपुर में 11 व रुधौली में 34 वादों व शिकायतों का निस्तारण किया गया। उन्होने पुराने मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने का निर्देश दिया है। राजस्व बोर्ड द्वारा नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जा रही है।
उन्होने प्रत्येक तहसील में बड़े बकायेदारों की सूची दीवार पर लिखवाई जाए तथा समय-समय पर अपडेट किया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन आरसी की वसूली हो जाती है, उसको पोर्टल से नियमित रूप से हटाते रहें, डिमांड का मिलान राजस्व सेक्शन से नियमित रूप से करते रहें ताकि वास्तविक डिमांड का पता चल सके। जिन मामलों में विभाग द्वारा सेटलमेंट किया जाता है, उसकी सूचना तत्काल संबंधित तहसील को दी जाए।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि विद्युत विभाग का वनटाइम सेटेलमेंट रजिस्टर अधूरा है, पोर्टल पर समुचित फीडिंग नहीं की गई है तथा कुल वार्षिक राजस्व प्राप्ति लक्ष्य का 56 प्रतिशत है। उन्होंने विद्युत विभाग के चारों अधिशासी अभियंताओं को निर्देशित किया है कि बड़े बकायेदारों से वसूली में तेजी लाएं। समीक्षा में उन्होंने पाया कि आबकारी 55 प्रतिशत, परिवहन 54 प्रतिशत, वाणिज्य 66 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अगले 2 महीनों में शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सरकारी संपत्तियों का विवरण उपलब्ध न कराने पर नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी, विद्युत, बेसिक शिक्षा, पंचायती राज, जिला पंचायत, एवं अन्य विभागों से बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए संपत्तियों को मरम्मत कराने के लिए प्रस्ताव 1 सप्ताह में भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को अधिक से अधिक मत्स्य पट्टा करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत टैंक एवं टेबल बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने लौह एवं खनन की समीक्षा करते हुए जिले में खनन क्षेत्रों का टेंडर समय से पूरा करने का निर्देश दिया। समीक्षा में उन्होंने पाया कि रुपया 2.40 के सापेक्ष मात्र 50 लाख रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई है। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि ईट भट्ठा से बकाया रॉयल्टी का भुगतान सुनिश्चित कराएं। शासन द्वारा अब ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा दी गई है। उन्होंने भू राजस्व की समीक्षा करते हुए रिंग रोड, 84 कोसी परिक्रमा जैसे बड़े प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजे के भुगतान की रिपोर्ट तलब किया है। उन्होंने मंडी समिति, बाट माप, वानिकी, नगर निकाय, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग के राजस्व प्राप्ति की समीक्षा किया तथा शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया है।
बैठक का संचालन एडीएम कमलेश चंद ने किया। इसमें उप जिलाधिकारी शैलेश दुबे, जीके झा, आनंद श्रीनेत, गुलाबचंद, अतुल आनंद, तहसीलदार राधेश्याम गुप्ता, मोनिका वर्मा, केसरी नंदनत्रिपाठी, सत्येंद्र सिंह, तथा सरकारी दफ्तर के विभिन्न अनुभाग के प्रभारी गण उपस्थित रहे।
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