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Saturday, November 19, 2022

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण भोजन, ऊर्जा संकट से जूझ रही दुनिया : शक्तिकांत दास

हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि पूरी दुनिया यूरोप में हो रहे युद्ध के कारण नई चुनौतियों का सामना कर रही है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण दुनिया को गंभीर भोजन और ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग के वार्षिक अनुसंधान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी ने ठपह क्ंजं का पता लगाने, इसका उपयोग करने और घर से काम करने के दौरान प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने का अवसर पैदा किया है।

                                                                   शक्तिकांत दास 

 - कोरोना महामारी के कारण मांग और आपूर्ती को लगा झटका :

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने नीति-निर्माण के लिए नए शोध मुद्दे और विश्लेषणात्मक चुनौतियों को सामने रखा है। कोरोना महामारी के कारण मांग और आपूर्ती को झटका लगा है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान सबसे बड़ी चुनौती डेटा संग्रहण और डेटा में संबद्ध सांख्यिकीय  ब्रेक थी। महामारी के दूसरे लहर के दौरान लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों को डिजाइन करने के लिए क्षेत्र स्तर के तनाव पर जानकारी एकत्र करना और भी महत्वपूर्ण हो गया था।

- युद्ध ने नई चुनौतियों को किया उजागर :

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर दास ने कहा, ’महामारी की तीसरी लहर के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्ता पूरी तरह से सामान्य होने वाली थी ठीक उसी दौरान यूरोप में युद्ध अपने साथ नई चुनौतियां लेकर आ गया। इस युद्ध के कारण दुनिया को गंभीर खाद्य और ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ रहा है। तेजी से बदल रहे भू-राजनीतिक के कारण अर्थव्यवस्था के लिए नया जोखिम सामने उभरा है।’

- अर्थव्यवस्था को लगे तीन झटके :

उन्होंने कहा कि मार्च 2022 के बाद कोरोना महामारी, यूरोप में जारी युद्ध और विश्व के कई देशों में मौद्रिक नीति का आक्रामक कड़ा होना जैसे तीन बड़े झटके लगे जो आर्थिक अनुसंधान के लिए अलग प्रकार की चुनौतियां पेश की हैं। दास ने आगे कहा कि महामारी की तीसरी लहर के कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से सामान्य होने वाली थी उसी समय रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अपने साथ नई चुनौतियों को सामने लेकर आया है। इस युद्ध के कारण दुनिया को अचानक गंभीर खाद्य संकट और ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ा है।


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