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Thursday, February 3, 2022

निराश्रित व पीड़ित महिलाओं का सहारा बना “ सखी वन स्टाप सेंटर ”

−   24 घंटे सातो दिन महिला सेवा के लिए तत्पर हैं सेंटर के कर्मी

−   आश्रय, परामर्श और चिकित्सा के साथ दी जाती है कानूनी सहयता


संतकबीरनगर। जिले के महिला चिकित्सालय परिसर में स्थित “ सखी वन स्टाप सेंटर ” निराश्रित व पीड़ित महिलाओं का सहारा बना हुआ है।  सेंटर द्वारा एक ही छत के नीचे महिलाओं को निःशुल्क विधिक, चिकित्सा, परामर्श एवं अधिकतम पांच दिन आश्रय देने का प्रावधान है, जिसके लिए सेंटर में विधिक परामर्शदाता, सामाजिक कार्यकर्ता, मनोवैज्ञानिक, स्टाफ नर्स और रसोइया के साथ ही मल्टीपरपज स्टाफ की पूरी टीम है। यह टीम आश्रय, परामर्श और चिकित्सा के साथ ही कानूनी सहायता भी देती है।

केन्द्र प्रशासक ऋतुका दूबे बताती हैं कि सेंटर द्वारा परिवार से परित्यक्त, असहाय और मानसिक तौर से मंद महिलाओं का पुनर्वास किया जा रहा है। गत दिनों एक महिला को लोगों ने उनके सेंटर में पहुंचाया। उक्त महिला अपना नाम, पता या स्वयं के संबंध में किसी तरह की जानकारी देने में असमर्थ थी। केवल वह यह जानती थी कि उसका बच्चा दो नम्बर वाला सेरलेक खाता है। पांच दिनों तक उसे सेंटर में रखा गया। जिला अस्पताल में मानसिक एवं स्वास्थ्य संबंधित परीक्षण कराया गया। बाद में पहचान न होने के चलते उसे नारी निकेतन अयोध्या पहुंचा दिया गया।

काउंसिलिंग के बाद हुई महिला की विदाई

जिले के महुली थानाक्षेत्र में एक महिला की शादी हुयी थी। शादी के बाद महिला ससुराल आयी। वहां पर पांच दिन रहने के बाद उसके ससुराल वालों ने विदाई तो कर दी , लेकिन छः माह बीतने के बाद भी वे उसे बुलाने नहीं गए। जब मायके वालों ने पूछा तो उन्होने बताया कि वे उनकी बेटी को नहीं ले जाएंगे, क्योंकि वह मन्दबुद्धि है। इसके बाद किसी ने वन स्टाप सेंटर के बारे में जानकारी दी तो मायके वाले महिला को लेकर वन स्टाप सेंटर पहुंचे। वहां मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता पूनम शुक्ला तथा सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिमा चन्द व सुमन सिंह ने ससुराल के लोगों को बुलाया तथा उनकी काउंसिलिंग की। पति व पत्नी दोनों को दो दिनों तक समझाया। नतीजा यह हुआ कि दोनों साथ रहने को राजी हो गए।

सेंटर में अब तक 184 केस आए

केन्द्र प्रशासक बताती हैं कि अभी तक सेंटर में कुल 184 केस सामने आए हैं। इनमें से अधिकांश केस का निस्तारण कराया गया है। जिन मामलों में बाहर से आयी महिला की पहचान नहीं हो पायी उन केसेज को नारी निकेतन अयोध्या भेजा गया है। पांच मामलों में कानूनी सहायता भी प्रदान की गयी।

निःशुल्क हेल्प लाइन 181 पर कर सकते हैं काल

सेंटर में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, साइबर क्राइम, दुष्कर्म पीड़ित, निराश्रित और अन्य किसी भी तरह से पीड़ित महिला की समस्या के समाधान की व्यवस्था है। सीधे जिला अस्पताल में स्थित वन स्टाप सेंटर पर या निःशुल्क महिला हेल्प लाइन 181 पर काल करके सहायता ले सकते हैं। उनकी समस्या का पहले 181 पर ही समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद भी समस्या नहीं सुलझी तो वह सखी वन स्टाप सेंटर को भेज देंगे।

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