- नौ मार्च से चलेगा एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान
बस्ती | देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को समय से पूरा करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है | इसी क्रम में
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नौ मार्च से 22 मार्च तक एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलेगा। अभियान में पोस्ट कोविड मरीजों व अत्यधिक संवदेनशील जनसंख्या वाले क्षेत्रों में संभावित टीबी मरीज की तलाश की जाएगी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2022 में टीबी नोटिफिकेशन कार्यक्रम में सुधारात्मक उपाय किए गए हैं। इसके तहत कोविड पॉजिटिव हो चुके लोगों की टीबी की जांच कराई जाएगी। इसके अलावा जिले की 20 प्रतिशत उस आबादी में जहां पर टीबी मरीजों के पाए जाने की संभावना अधिक है, वहां पर टीमें जाकर परीक्षण कर टीबी के मरीज की पहचान करेगी। संभावित मरीज की जांच कराई जाएगी। टीबी पाए जाने पर मरीज का नि:क्षय पोर्टल पर पंजीकरण कराकर उसका इलाज कराया जाएगा।
पिछले साल कोविड के कारण नोटिफिकेशन में गिरावट आई थी। कोविड काल में भी टीबी मरीजों को खोजने के लिए दो एसीएफ व चार दस्तक अभियान संचालित किये गये । इसमें जो 115 मरीज मिले उनका इलाज कराया जा रहा है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्रा का कहना है कि इस बार के अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कर संभावित मरीजों की पहचान का प्रयास किया जाएगा। लोगों को टीबी के लक्षण व इलाज की सुविधा के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
यहां मिल रही इलाज की सुविधा
सीएचसी/पीएचसी पर 23 बलगम जांच केंद्र संचालित हैं। इसके अलावा ब्लॉक स्तरीय अस्पताल व टीबी क्लीनिक में टीबी यूनिट संचालित है। यहां पर जांच के अलावा पंजीकरण व दवा की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। बलगम जांच की सुविधा के अलावा टीबी क्लीनिक व सीएचसी हर्रैया में अत्याधुनिक सीबीनॉट मशीन से टीबी की जांच कराई जा रही है। टीबी क्लीनिक व सीएचसी कुदरहा में ट्रूनॉट जांच मशीन से जांच कराई जा रही है। सभी जांच व दवा नि:शुल्क है।
क्या हैं टीबी के लक्षण
- दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी आ रही हो ।
- शाम को बुखार आता हो।
- सीने में दर्द रहता हो।
- खांसी के साथ खून आ रहा हो।
- भूख न लगे व लगातार वजन घट रहा हो।
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