वॉयस ऑफ बस्ती संवाददाता से विशेष बातचीत में श्री निगम ने बताया कि कल्पना और सच से मिलकर, निरंजनी भाषा में बुनी गयी यह सत्रह कहानियाँ मानव जीवन के अलग अलग आयामों का चित्रण करती हैं।
श्री निगम ने इस पुस्तक के अलावा ब्रांड प्रबंधन के विषय की भारतीय पौराणिक कहानियों के माध्यम से हिंदी में व्याख्या करते हुए इस विषय पर हिंदी की पहली पुस्तक ‘ब्रांडसूत्र – ब्रांड प्रबंधन के भारतीय सिद्धांत’ को लिखा, साथ ही समान्तर साहित्य विधा में ‘द ग्रेट सोशल मीडिया ट्रायल’ और ‘द स्कैंडल इन लखनऊ’ जैसे प्रसिद्ध उपन्यास भी रचे हैं।
नए लेखकों के साथ साथ उद्यमिता को भी बढ़ावा देने के लिए श्री निगम ने ‘निगम ब्रांड मैनेजमेंट’ नामक ब्रांड कंसल्टेंसी की भी स्थापना की जो कि उद्यमियों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित होने ने मदद करती है।
हिंदी साहित्य के संबंध में बात करते हुए श्री निगम ने इसे अपार संभावनाओं का क्षेत्र बताते हुए कहा कि ‘आधुनिक बाज़ार और इन्टरनेट की सहज उपलब्धता हिंदी साहित्य और लेखकों के लिए अनेक नए अवसर लेकर सामने आये हैं। स्तरीय लेखन तक पाठक की आसान पहुँच अब लेखकों को नए विषयों पर लिखने के लिये प्रेरित कर रही है।’
अपने लेखन के लिए गौरव कुमार निगम हिंदी भाषा संस्थान, उत्तर प्रदेश और वेस्टलैंड पब्लिकेशंस जैसी संस्थाओं से पुरस्कृत हो चुके हैं, और युवाओं को उद्यमिता और प्रबंधन के विषय में जागरुक करने के लिए विशेषज्ञ वक्ता के तौर पर विभिन्न कॉलेजों और संस्थाओं में आमंत्रित होते रहते हैं। जनपद के गणमान्य व्यक्तियों और साहित्यकारों ने श्री निगम को इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं हैं।
No comments:
Post a Comment