- विवेचकों की लापरवाही से प्रभावित रही है बाल अधिकारों के संरक्षण की मंशा
- सीडब्ल्यूसी चेयरमैन ने कहा विवेचक राहुल गुप्ता को जेजे एक्ट का प्रशिक्षण दिये जाने की जरूरत
- बस्ती जनपद में पुलिस की लापरवाही से प्रभावित हो रही है बाल अधिकारों के संरक्षण की मंशा
बस्ती। विवेचकों की लापरवाही और मनमानी के चलते जनपद में बाल अधिकारों के संरक्षण और उन्हे समय से न्याय दिलाने की सरकारी मंशा प्रभावित हो रही है। कई थानों के विवेचकों का तो ये हाल है कि बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) द्वारा बार बार हिदायत देने के बावजूद कार्यशैली में कोई सुधार नही हुआ। ताजा मामले में कार्यवाही करते हुये सीडब्लूसी चेयरमैन प्रेरक मिश्र ने पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव को पत्र भेजकर कलवारी थाने के दरोगा राहुल गुप्ता को आगामी तीन महीनों तक बाल कल्याण और बाल अधिकारों से जुड़े किसी भी मामले की विवेचना न देने तथा उन्हे जेजे एक्ट का प्रशिक्षण दिलाये जाने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होने विभागीय कार्यवाही की भी अपेक्षा की है। सम्पूर्ण मामले में एक सप्ताह के भीतर कृत कार्यवाही से अवगत कराने को कहा है। प्रेरक मिश्र ने पुलिस अधीक्षक को भेजे पत्र में विवेचक राहुल गुप्ता पर न्यायालयी आदेशों की अवहेलना, बार बार मांगने पर भी पत्रावलियां न उपलब्ध कराने, खुद उपस्थित होने की बजाय न्यायालय बाल कल्याण समिति के समक्ष आरक्षी को भेजने तथा नाबालिग बालिका के प्रकरण में उसके बयान के बावजूद बार बार न्यायालय को यह लिखकर देने कि उसे मां बाप के संरक्षण में दिया गया तो ऑनरकिलिंग हो जायेगा सहित तमाम मामलों में विवेचक की लापरवाही, बाल अधिकारों के संरक्षण और उन्हे न्याय दिलाने के प्रति गंभीरता की कमी दिखाई दी। सम्बन्धित मामले में विवेचक अपनी फर्जी मनगढ़न्त रिपोर्ट से न्यायालय को गुमराह करते रहे। जिससे न्याय का पक्ष कमजोर होता दिखाई दिया। विवश होकर नाबालिग को चाइल्ड लाइन भेजकर उसकी काउंसिलिंग कराई गई। जिसमे नाबालिग ने माता पिता के साथ ही रहने की मंशा जाहिर की। अंततः वह अपने माता पिता के साथ रहकर सामान्य जीवन जी रही है। सूत्रों की माने तो थानाध्यक्ष कलवारी ने भी विवेचक की कार्यशैली के प्रति असंतोष जताया है। पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होने फोन रिसीव नही किया।
No comments:
Post a Comment